रक्षाबंधन की पूर्वसंध्या पर बहन ने बचाई भाई की जान
रक्षाबंधन की पूर्वसंध्या पर बहन ने बचाई भाई की जान
अमर सैनी
नोएडा। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन का त्यौहार होता है। यह त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते को अटूट और मजबूत रखता है। बताया जाता है कि इस त्यौहार पर भाई अपनी बहन को ताउम्र रक्षा करने का वचन देते हैं। लेकिन, ग्रेटर नोएडा के दादूपुर गांव में एक रक्षाबंधन की पूर्वसंध्या पर एक बहन ने अपने भाई की जान बचाकर इस कथन गलत साबित किया है। दादूपुर गांव की रहने वाली रेखा गुर्जर ने लिवर दान कर अपने बड़े भाई की जान बचाई, जिससे इस त्यौहार का महत्व और भी खास हो जाता है।
जानकारी के अनुसार रेखा गुर्जर के भाई की तबीयत अचानक खराब हो गई और जांच में पता चला कि वह काफी गंभीर हालत में है। इस गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों की टीम ने लिवर ट्रांसप्लांट की संभावना तलाशी। लेकिन इस बीच रेखा के छोटे भाई की मौत से परिवार में मातम छा गया और ट्रांसप्लांट प्रक्रिया से एक दिन पहले ही उसकी मौत हो गई। इसके बावजूद रेखा गुर्जर ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने बड़े भाई के इलाज के लिए जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी की और खुद को इस मिशन के लिए समर्पित कर दिया। बहन के इस साहसी और प्रेरणादायी कदम की वजह से उसके बड़े भाई का सफल लिवर ट्रांसप्लांट हुआ और उसकी जान बच सकी।
भाई की जान सबसे ज्यादा अहम
रेखा गुर्जर गुर्जरी पन्नाधाय ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि एक बहन के लिए किसी भी चीज से ज्यादा उसके भाई की जान मायने रखती है। हर बहन के लिए उसके भाई की जान सबसे ज्यादा अहम होती है। अगर एक बहन अपने भाई के लिए कुछ कर सकती है, तो मैंने भी वही किया।
त्याग की पूरे क्षेत्र में प्रशंसा
रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर रेखा गुर्जर और उसका भाई दोनों स्वस्थ हैं और रेखा के त्याग की पूरे क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है। यह कहानी न सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते की गहराई को छूती है बल्कि मानवीय और निस्वार्थ प्रेम की प्रेरणा भी देती है।