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ईद मिलादुन्नबी का जुलूस निकला, सुरक्षा व्यवस्था रही कड़ी

ईद मिलादुन्नबी का जुलूस निकला, सुरक्षा व्यवस्था रही कड़ी

अमर सैनी
नोएडा। शहर में सोमवार को ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर जुलूस निकाला गया। यह जुलूस सेक्टर-8 से शुरू हुआ है। इस दौरान जुलूस में शामिल मुस्लिम समाज के लोगों ने नबी ए करीब हजरत मोहम्मद साहब की आमद पर नात-नज्म पढ़कर अपनी अकीदत का इजहार किया। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा के दादरी, जेवर आदि इलाकों में नबी की आमद जुलूस निकाला गया। इस दौरान पुलिस सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही।

नोएडा के सेक्टर-8 में ईद मिलादुन्नबी का जुलूस निकाला गया। हजरत मोहम्मद साहब के आगमन पर लोगों ने नातिया कलाम पढ़कर अपनी अकीदत का इजहार किया और अखाड़ों ने अपने करतब दिखाए। हर साल की तरह इस साल भी नोएडा में जुलूसे मोहम्मदी निकाला गया। इस मौके पर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। वहीं, यातायात व्यवस्था बाधित न हो इसके लिए कुछ जगहों पर रूट डायवर्जन भी किया गया है। वहीं, दादरी थाना क्षेत्र में भी मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोगों ने जुलूस निकाला। इस दौरान लोगों ने नबी की शान में नज्म गाए और नबी के प्रति अपनी मोहब्बत का इजहार किया। जुलूस में शामिल लोगों ने कहा कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने दुनिया को इंसानियत की राह दिखाई। उनकी दयालुता, सहनशीलता, मानव सेवा और भाईचारे का संदेश समाज के लिए हमेशा प्रेरणादायी रहेगा।

जानिए क्यों मनाते हैं ईद मिलादुन्नबी
ईद-मिलाद-उन-नबी आज है। इस्लाम में ईद-मिलाद-उन-नबी त्योहार का विशेष महत्व है। इस्लाम के लोग इस त्योहार को पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं। इस त्योहार को ईद-ए-मिलाद के नाम से भी जाना जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार हर साल रबी-उल-अव्वल की 12वीं तारीख को मनाया जाता है।

पैगंबर मुहम्मद के जन्म से जुड़ा इतिहास
आपको बता दें कि पैगंबर मुहम्मद का जन्म 571 ई. में अरब के मक्का शहर में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि जब पैगंबर मुहम्मद 6 साल के थे, तब उनकी मां का निधन हो गया था। जिसके बाद उनके चाचा अबू तआला और दादा अबू मुताअला ने उनका पालन-पोषण किया। पैगंबर मुहम्मद के पिता का नाम अब्दुल्ला अब्दुल्ला और मां का नाम बीबी अमीन था। पैगंबर मुहम्मद के पिता की मृत्यु उनके जन्म के समय ही हो चुकी थी। इस्लाम का मानना है कि अल्लाह ने सबसे पहले कुरान पैगंबर मुहम्मद को दी थी। जिसके बाद पैगंबर मुहम्मद ने पवित्र कुरान के संदेश को दुनिया के कोने-कोने तक फैलाया।

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