पाइपलाइन बिछने से पहले ही 39 कंपनियों को बिल थमाया
पाइपलाइन बिछने से पहले ही 39 कंपनियों को बिल थमाया
अमर सैनी
नोएडा। प्राधिकरण के जल विभाग ने जलापूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछने से पहले ही उस अवधि का 39 कंपनियों (औद्योगिक भूखंडों) में पानी का बिल भेज दिया। गलत बिल भेजे जाने की शिकायत पर गठित समिति की जांच में इसका खुलासा हुआ। उद्यमी संगठनों की शिकायत पर प्राधिकरण अधिकारियों ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया। त्रुटियों को दूर करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। दरअसल, इंडस्ट्रियल एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन (आईईए), इंडियन एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन (आईईए), लघु उद्योग भारती, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सहित विभिन्न उद्यमी संगठनों के पदाधिकारियों ने प्राधिकरण में शिकायत की थी कि कंपनी में पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है। इसके बाद भी बिल भेजा रहा है। खास बात यह है कि उस अवधि के भी बिल भेजे जा रहे हैं, जब पाइपलाइन ही नहीं बिछाई थी। उद्यमी इस मुद्दे को पिछले काफी से उठा रहे थे। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष कुमार द्विवेदी ने एक समिति का गठन किया और विस्तृत सर्वेक्षण कराया। सर्वेक्षण में यह पाया गया कि 39 औद्योगिक भूखंडों में पानी के गलत बिल जारी किए गए थे। विभाग के अधिकारियों ने अब त्रुटियों को दूर करने का काम शुरू कर दिया है। एसीईओ ने उद्यमियों को आश्वस्त किया कि पानी के बिलों से जुड़ी किसी भी शिकायत का समुचित जांच पड़ताल के बाद समाधान किया जाएगा। उद्यमी अमित उपाध्याय का कहना है कि ऐसे उद्यमियों की बड़ी संख्या है,जिन्हें गलत बिल भेजे गए हैं। प्राधिकरण से मांग की है कि पानी बिल से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान किया जाए।
वर्जन
उद्यमी संगठनों के पदाधिकारियों ने शिकायत की थी कि पाइपलाइन न होने के बाद भी उस अवधि का पानी का बिल भेजा जा रहा है। इस पर संज्ञान लेते हुए एक समिति का गठन किया गया। सर्वेक्षण में पाया गया कि 39 भूखंडों में गलत बिल जारी किए गए थे। त्रुटियों को ठीक करने का काम किया जा रहा है। उद्यमियों से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
-आशुतोष कुमार द्विवेदी, एसीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण