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Noida Ambedkar event: नोएडा में अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण, आकाश आनंद 10 मिनट में चले गए, हजारों कार्यकर्ता रहे इंतजार में

Noida Ambedkar event: नोएडा में अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण, आकाश आनंद 10 मिनट में चले गए, हजारों कार्यकर्ता रहे इंतजार में

नोएडा। डॉ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर शनिवार को नोएडा में राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे आकाश आनंद कार्यक्रम में पहुंचे और बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। हालांकि, वह केवल 10 मिनट ही स्थल पर रुके और 12.09 बजे वहां से चले गए। उनके संक्षिप्त कार्यक्रम के कारण करीब 5 हजार उपस्थित कार्यकर्ता उन्हें सुनने का इंतजार करते रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत में चर्चा थी कि मायावती भी सेक्टर-95 स्थित स्थल पर शामिल होंगी। लेकिन भारी भीड़ और सुरक्षा की वजह से मायावती ने स्वयं कार्यक्रम स्थल पर न जाने का निर्णय लिया और निवास या पार्टी कार्यालय से श्रद्धांजलि देने की बात कही। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छह मंडल—मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा और अलीगढ़—के बसपा समर्थकों ने इस अवसर पर भाग लिया। अधिकांश कार्यकर्ता हाथों में बाबा साहब की तस्वीरें लेकर पहुंचे।

मायावती ने दलित, आदिवासी, ओबीसी और शोषित-पीड़ित लोगों से अपील करते हुए कहा कि अब जातिवादी पार्टियों से उम्मीद छोड़ दी गई है और बहुजन समाज सत्ता की मास्टर-की हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि बहुजनों के “अच्छे दिन” कब आएंगे। इसके साथ ही उन्होंने वोटर लिस्ट के सघन पुनरीक्षण (एसएसआर) में सक्रिय भागीदारी की अपील की और कहा कि अपनी वोट की ताकत को पहचानना और उसकी रक्षा करना बेहद जरूरी है।

आर्थिक मुद्दों पर भी मायावती ने चिंता जताई। उन्होंने रुपए के लगातार गिरते मूल्य को राजनीतिक और राष्ट्रीय हित का मामला बताया और कहा कि सरकार को इस पर गंभीर और ठोस कदम उठाने चाहिए। मायावती ने कहा कि इस विषम परिस्थिति में बाबासाहेब के दिखाए मार्ग पर चलना ही सबसे बड़ी जरूरत है।

कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं ने आकाश आनंद के संक्षिप्त भाषण के बावजूद बाबा साहब के प्रति श्रद्धा व्यक्त की और माल्यार्पण में हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम दलित समाज और बहुजन वर्ग के लिए प्रेरणा और जागरूकता का अवसर भी साबित हुआ।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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