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नई दिल्ली : त्वचा दान करें -जीवन बचाएं : मनीष सिंघल

नई दिल्ली : -जलने के कारण चमड़ी खो चुके मरीजों को मिलेगा नया जीवन

नई दिल्ली, 24 दिसम्बर : त्वचा दान एक बेहद महत्वपूर्ण विषय है। इसे अंगदानकर्ता की मृत्यु के बाद त्वचा बैंक को दान किया जा सकता है। इससे अग्निकांड व अन्य दुर्घटना में घायल मरीजों को नया जीवन मिल सकता है।

यह बातें एम्स दिल्ली के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. मनीष सिंघल ने मंगलवार को एक संगठन के सहयोग से आयोजित त्वचा दान जागरूकता कार्यक्रम में कहीं। इस अवसर पर एम्स के निदेशक प्रो. एम श्रीनिवास ने त्वचा दान पर एक सूचनात्मक पुस्तिका का विमोचन किया। उनके साथ डॉ. शशांक चौहान, डॉ. शिवांगी साहा, डॉ. तनु सागर, डॉ. अभिलाष एस, डॉ. नंदिनी सिंह तंवर और डॉ. मंजू आर प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

इस अवसर पर डॉ सिंघल ने कहा, त्वचा का दान करने का मतलब है, किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी त्वचा को निकालकर मेडिकल साइंस के हिसाब से प्रोसेस करके स्किन बैंक में पांच वर्ष तक स्टोर किया जा सकता है। जिसे गंभीर जलन या दुर्घटना में चमड़ी खो चुके मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। त्वचा दान से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। डॉ सिंघल के मुताबिक त्वचा दान करने वाले व्यक्ति को व्यस्क होना चाहिए। उसे एचआईवी, हेपेटाइटिस बी-सी या एसटीडी, किसी संक्रमण, सेप्टिसीमिया, किसी त्वचा संक्रमण या स्किन कैंसर जैसी बीमारियां नहीं होनी चाहिए।

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