नई दिल्ली, 28 अक्तूबर : मछली पकड़ने वाली नाव के जनरेटर में विस्फोट के चलते गंभीर रूप से घायल ईरानी नागरिक की सफल चिकित्सा निकासी करके भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने एक मछुआरे अल्लाहबख्श को नया जीवन बख्शा है।
इस लंबी दूरी की चिकित्सा निकासी ने जहां भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा में इजाफा किया है। वहीं, समुद्र में राहत और बचाव के मामले में आईसीजी को एकमात्र विश्वसनीय विकल्प के तौर पर स्थापित किया है। दरअसल, आईसीजी के मुंबई स्थित समुद्री बचाव समन्वय केंद्र को ईरान के चाबहार से ईरानी मछली पकड़ने वाली नाव अल-ओवैस में एक चिकित्सा आपात स्थिति और नाव के इंजन में खराबी के बारे में सूचना मिली।
यह नाव कोच्चि से लगभग 1500 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में थी। इस पर सवार पांच मछुआरों में नाव का मालिक अल्लाह बख्श भी शामिल था। जो जनरेटर में ईंधन स्थानांतरण के दौरान विस्फोट होने से घायल हो गया था। अल्लाहबख्श की दोनों आंखों में गंभीर चोटें आईं थीं और उसके दाहिने कान पर गहरे घाव हो गए थे। आईसीजी ने संकट की सूचना मिलने के बाद पूर्वी अफ्रीका से भारत लौट रहे अपने जहाज सचेत को दुर्घटना स्थल की ओर रवाना कर दिया।
इसके बाद एक विदेशी टैंकर जो कुवैत से मोरोनी (कोमोरोस) जा रहा था, को सोमवार को संकटग्रस्त नाव की मदद के लिए मोड़ दिया। टैंकर उसी दिन लगभग 10 बजे अल-ओवैस तक पहुंचा और घायल को लेकर आईसीजी जहाज सचेत को सौंप दिया। इस दौरान आईसीजी चिकित्सा कर्मियों ने घायल को प्राथमिक उपचार दिया। यह अभियान मंगलवार सुबह साढ़े नौ बजे संपन्न हुआ। वर्तमान में सचेत, मरीज की आगे की चिकित्सा देखभाल के लिए गोवा की ओर बढ़ रहा है।
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