नई दिल्ली, 3 जनवरी : पड़ोसी देश चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के संक्रमण से देशवासियों को घबराने की जरुरत नहीं है। इस पर भारतीय एजेंसियां भी नजर रख रही हैं। यह बात केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ अतुल गोयल ने शुक्रवार को कही।
उन्होंने कहा कि मानव मेटान्यूमोवायरस किसी भी अन्य श्वसन वायरस की तरह है जो सामान्य सर्दी या ठंड लगने के कारण होने वाले रोग जैसा है। इस वायरस के लिए कोई टीका नहीं है। यह एक साल से कम आयु के बच्चों, बहुत बूढ़े लोगों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में फ्लू जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा चीन में मानव मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के प्रकोप के बारे में खबरें सामने आ रही हैं। इससे घबराने की जरुरत नहीं है। डॉ गोयल ने कहा, इस संबंध में आईसीएमआर ने देश (भारत) में श्वसन प्रकोप के आंकड़ों का विश्लेषण किया है और दिसंबर 2024 के आंकड़ों में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है।
उन्होंने कहा, हमारे किसी भी स्वास्थ्य संस्थान से बड़ी संख्या में कोई मामले सामने नहीं आए हैं। वर्तमान स्थिति के बारे में चिंतित होने की कोई बात नहीं है। उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत काम करने वाले राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) का कहना है कि देश के लोगों को इस बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। यहां हालात पूरी तरह से सामान्य हैं। हम अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के संपर्क में है और देश में श्वसन व मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर कोरोना महामारी जैसा बताया जा रहा एचएमपीवी
सोशल मीडिया पर चीन की ऐसी तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिनमें ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण को कोरोना महामारी जैसा बताया जा रहा है। कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन में एचएमपीवी के मामले बढ़ रहे हैं। साथ ही दावा किया जा रहा है कि वायरस तेजी से फैल रहा है, अस्पताल और शवदाहगृह भरे पड़े हैं। ऑनलाइन साझा किए गए वीडियो में भीड़भाड़ वाले अस्पताल दिखाई दे रहे हैं, जिसमें कुछ उपयोगकर्ता कह रहे हैं कि इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 सहित कई वायरस फैल रहे हैं। हालांकि, चीन ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है।
एचएमपीवी कितना संक्रामक है?
एचएमपीवी मध्यम रूप से संक्रामक है, जो मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने पर श्वसन बूंदों के माध्यम से फैलता है। यह दूषित सतहों या वस्तुओं के साथ सीधे संपर्क के माध्यम से भी फैल सकता है। करीबी संपर्क, विशेष रूप से भीड़भाड़ वाले या बंद स्थानों में, संक्रमण के जोखिम को बढ़ाते हैं। बीमारी के शुरुआती चरणों के दौरान व्यक्ति सबसे अधिक संक्रामक होते हैं, खासकर जब खांसी और छींकने जैसे लक्षण प्रमुख होते हैं। छोटे बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग अधिक संवेदनशील होते हैं।
क्या है एचएमपीवी ?
एचएमपीवी पैरामिक्सोविरिडे परिवार का एक श्वसन वायरस है। सबसे पहले 2001 में पहचाना गया, यह श्वसन संक्रमण के सबसे आम कारणों में से एक है। खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और रोग प्रतिरक्षा व्यक्तियों में। एचएमपीवी श्वसन सिंसिटियल वायरस (आरएसवी) से संबंधित है। इस वायरस से संक्रमण के सामान्य लक्षणों में खांसी, नाक बहना, बुखार, सांस लेने में कठिनाई और थकान शामिल हैं। इसके लक्षण आम सर्दी के समान हैं।
क्या है एचएमपीवी निवारक उपाय ?
खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को ढकें। हाथों को बार-बार और सही तरीके से साबुन व पानी से धोएं। कप और खाने के बर्तन दूसरों के साथ साझा करने से बचें। दूसरों को चूमने से बचें। बीमार होने पर घर पर रहें। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
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