अमर सैनी
नोएडा। थाना बिसरख पुलिस ने मोबाइल टावरों से कीमती उपकरण चोरी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया गैंग मोबाइल टावर से आरआरयू चोरी करता था। पहले ये लोग रेकी करते थे और फिर रात में मोबाइल टावर के ऊपर चढ़कर चोरी की वारदात को अंजाम देते थे।
सेंट्रल नोएडा डीसीपी शक्ति अवस्थी ने बताया कि पकड़े गए गैंग ने बिसरख थाना क्षेत्र में भी मोबाइल टावरों से कीमती उपकरण चोरी की कई वारदातों को अंजाम दिया। बिसरख थाना पुलिस और सीआरटी टीम लगातार इन लोगों की तलाश कर रही थी। चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि इनका एक साथी फरार है जो उपकरण खरीदता था। इन आरोपियों के कब्जे से 10 कीमती मोबाइल टावर रेडियो रिसीवर यूनिट बरामद की गई। बरामद रेडियो रिसीवर यूनिट की कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। आरोपियों की पहचान आरोपियों में मोहम्मद आजाद, आकाश, रिहान और जहीरुद्दीन के रूप में हुई है। डीसीपी ने बताया कि सभी आरोपी इन रिसीवर को दिल्ली में किसी व्यक्ति को 2.5 से 3 लाख रुपये में बेचते थे। दिल्ली से ये रेडियो रिसीवर यूनिट चीन, दुबई समेत कई अन्य देशों में बेचे जाते थे। ये लोग पहले रेकी करते थे और फिर टावर को चिह्नित कर उस पर चढ़ जाते थे और उसे खोलकर रिसीवर चोरी कर लेते थे। इन आरोपियों ने कई जगहों पर इस तरह की वारदातों को अंजाम दिया है। इस गिरोह के कई सदस्य अभी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। इन लोगों के पास से रिसीवर के अलावा मोबाइल टावर से रिसीवर खोलने के औजार, नकदी और अन्य सामान भी बरामद किया गया है।
रेडियो रिसीवर यूनिट क्या होती है?
टेलीकॉम कंपनी से जुड़े विशाल बताते हैं, रेडियो रिसीवर यूनिट (RRU) मोबाइल टॉवर में सबसे ऊपर लगाई जाती है। इस मशीन का वजन करीब 15 किलो होता है। यही मशीन 2जी, 3जी, 4जी, 5जी के नेटवर्क प्रदान करती है। इसकी कीमत 2 लाख रुपए से शुरू होकर 8 लाख रुपए तक जाती है। एक टॉवर पर अलग-अलग कंपनियों के RRU होते हैं। ऐसे में सामान्यत तौर पर एक टॉवर पर औसत 10 यूनिट लगती हैं। कहा जाए तो यही यूनिट मोबाइल को नेटवर्क प्रदान करती है। अगर RRU न हो तो सिग्नल यूनिट डाउन हो जाती है और नेटवर्क नहीं मिलते। कॉल ड्रॉप की समस्या भी इसी से होती है।