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J&K Encounter: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना की बड़ी सफलता, 48 घंटे में 6 आतंकियों का सफाया, घाटी में बहाल हो रहा भरोसा

J&K Encounter: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना की बड़ी सफलता, 48 घंटे में 6 आतंकियों का सफाया, घाटी में बहाल हो रहा भरोसा

भारतीय सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक मोर्चा खोलते हुए एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद अब एक और जबरदस्त कामयाबी में, बीते 48 घंटों में कुल छह आतंकियों को मार गिराया गया है, जिससे पूरे क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को नई गति और दिशा मिली है। आईजीपी कश्मीर वी.के. बिरदी ने जानकारी दी कि केरन और त्राल क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने दो अलग-अलग ऑपरेशनों को अंजाम देते हुए इन आतंकियों को ढेर किया। इन ऑपरेशनों को खुफिया सूचनाओं के आधार पर सटीक रणनीति के साथ अंजाम दिया गया, जिसमें किसी भी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचा और आतंकवादियों को पूरी तरह से घेर कर मार गिराया गया।

आईजीपी बिरदी ने कहा, “हमारी सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों के पूरे नेटवर्क को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इन अभियानों से आतंकवादियों और उनके समर्थकों को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि भारत अब किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा। घाटी में शांति बनाए रखने के लिए ऐसे ऑपरेशन लगातार जारी रहेंगे।” केरन सेक्टर, जो कि नियंत्रण रेखा (LoC) के समीप स्थित है, लंबे समय से आतंकियों की घुसपैठ का मार्ग रहा है। यहां सेना ने सतर्कता और तकनीकी निगरानी की मदद से दो आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए उन्हें ढेर कर दिया। यह ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में हुआ, जहां ऊंचे पहाड़, बर्फ और सीमित दृश्यता जैसी कठिन परिस्थितियां थीं।

वहीं दूसरी ओर, त्राल क्षेत्र, जो कभी आतंकवाद का गढ़ माना जाता था, वहां भी सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर एक संयुक्त ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस कार्रवाई में चार खूंखार आतंकियों को मार गिराया गया, जिन पर सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमलों में शामिल होने के आरोप थे। इन आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं। इन सफलताओं के साथ घाटी में एक बार फिर से लोगों में सुरक्षा बलों के प्रति विश्वास बढ़ा है। आतंकवाद के साये में जी रहे आम नागरिकों को उम्मीद की किरण दिखाई दी है कि अब उनका भविष्य सुरक्षित और शांतिपूर्ण हो सकता है। सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि आने वाले दिनों में इस तरह के ऑपरेशन और तेज़ किए जाएंगे, जिससे न सिर्फ सक्रिय आतंकियों को खत्म किया जा सके, बल्कि उनकी भर्ती, फंडिंग और सपोर्ट नेटवर्क को भी पूरी तरह ध्वस्त किया जा सके।

इन ऑपरेशनों ने यह भी सिद्ध किया है कि भारतीय सेना, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के बीच आपसी समन्वय, रणनीतिक समझ और तकनीकी दक्षता अब एक नए स्तर पर पहुंच चुकी है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, इन ताजा अभियानों ने भारत की आतंकवाद विरोधी नीति की गंभीरता और दृढ़ता को फिर एक बार साबित कर दिया है। ये घटनाएं केवल सैन्य जीत नहीं हैं, बल्कि ये उस बड़े राष्ट्रीय प्रयास का हिस्सा हैं जो जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति और विकास की नींव रखने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

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