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India TB Report: देश के 92% मरीजों तक पहुंचा टीबी का इलाज

India TB Report: देश के 92% मरीजों तक पहुंचा टीबी का इलाज

भारत ने विश्व में सबसे अधिक टीबी मरीजों वाला देश होने के बावजूद पिछले एक दशक में टीबी के खिलाफ जंग में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। 2015 से 2025 के बीच देश में टीबी के नए मामलों में 21% की कमी और मृत्यु दर में 25% गिरावट दर्ज की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2025 के अनुसार भारत सरकार की नीतियों, बेहतर इलाज, तकनीक और बढ़ती जागरूकता के चलते टीबी नियंत्रण में तेजी आई है। 2015 में प्रति एक लाख जनसंख्या पर जहां 237 नए मामले सामने आते थे, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर 187 रह गई। यह कमी वैश्विक औसत 12% से कहीं अधिक है, हालांकि देश में अब भी टीबी के मरीजों की संख्या लाखों में है।

रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के कुल 87% टीबी मामले 30 देशों में पाए गए, जिनमें भारत 25% मामलों के साथ सबसे ऊपर है। इसके बाद इंडोनेशिया 10%, फिलीपींस 6.8%, चीन 6.5% और पाकिस्तान 6.3% के साथ शामिल हैं। 2024 में दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में सर्वाधिक 34% मरीज दर्ज किए गए, जिसमें भारत भी शामिल है। इसके मुकाबले अमेरिका में 3.3% और यूरोप में मात्र 1.9% केस सामने आए। भारत में टीबी इलाज की कवरेज 2015 के 53% से बढ़कर 2024 में 92% तक पहुंच गई, यानी लगभग सभी मरीज इलाज प्राप्त कर पा रहे हैं। वर्ष 2024 में 26.18 लाख मरीजों का इलाज किया गया, जो अनुमानित कुल मामलों के लगभग बराबर है। यह भारत के टीबी उन्मूलन लक्ष्य की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है। मृत्यु दर में भी लगातार सुधार हुआ है। 2015 में प्रति एक लाख आबादी पर 28 मौतें दर्ज की जाती थीं, जो 2024 में घटकर 21 रह गईं। इससे यह स्पष्ट होता है कि मरीजों को समय पर इलाज मिल रहा है और इलाज के परिणाम बेहतर हुए हैं।

टीबी एक संक्रामक रोग है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया से फैलता है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन हड्डियों, मस्तिष्क, किडनी और रीढ़ तक भी फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से यह हवा के माध्यम से दूसरे लोगों तक पहुंच जाता है। लंबे समय तक खांसी, खून वाली बलगम, बुखार और वजन गिरना इसके प्रमुख लक्षण हैं। हालांकि यह गंभीर बीमारी है, लेकिन समय रहते इलाज शुरू होने पर पूरी तरह ठीक की जा सकती है।|

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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