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Gujarat : आम ने स्थानीय बाजारों की सीमाएँ पारकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मचाई धूम, राज्य से वर्ष 2024-25 में 856 मैट्रिक टन आम का निर्यात किया गया, गत पाँच वर्ष में कुल 3000 मैट्रिक टन से अधिक आम का निर्यात

Gujarat News : (अभिषेक बारड) भारत को विश्व का सबसे बड़ा आम उत्पादक देश बनाने में गुजरात का योगदान हमेशा उल्लेखनीय रहा है। आज गुजरात का आम; विशेषकर उसकी अनूठी सुगंध एवं स्वाद के लिए विख्यात केसर आम केवल स्थानीय बाजारों में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी धूम मचा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में गुजरात ने आम के निर्यात में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जो राज्य सरकार के दूरदर्शितापूर्ण प्रयासों का परिणाम हैं।

गुजरात के आम उत्पादक किसानों द्वारा राज्य सरकार के प्रोत्साहन से वर्ष 2024-25 के दौरान कुल 856 मैट्रिक टन से अधिक आम का निर्यात किया गया है। इतना ही नहीं; वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक यानी गत पाँच वर्ष की अवधि में राज्य से कुल 3000 मैट्रिक टन से अधिक आम का अमेरिका तथा दक्षिण अफ्रीका सहित विभिन्न देशों में निर्यात किया गया है, जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि गुजरात के आम की विश्व स्तर पर धूम और मांग लगातार बढ़ रही है।

इस संदर्भ में कृषि मंत्री  राघवजी पटेल ने कहा कि गुजरात के केसर आम की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। गुजरात के आम की हर साल बढ़ रही वैश्विक माँग की सुलभ आपूर्ति के लिए गुजरात में आम की खेती को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं, जिसके फलस्वरूप आज गुजरात में फल-फूल आदि बागवानी फसल के कुल 4.71 लाख हेक्टेयर से अधिक बुवाई क्षेत्र में 1.77 हेक्टेयर से अधिक यानी 37 प्रतिशत क्षेत्र में केवल आम की खेती की जा रही है। राज्य में अनुकूल जलवायु एवं भूमि की विविधता के फलस्वरूप केसर के अलावा हाफुस, राजापुरी, तोतापुरी तथा सोनपरी जैसे विभिन्न किस्मों के आम लगाए जाते हैं।

कृषि मंत्री ने कहा कि गुजरात में आम की सर्वाधिक बुवाई वलसाड, नवसारी, गीर सोमनाथ, कच्छ तथा सूरत जिलों में होती है। वर्ष 2024-25 के दौरान गुजरात के वलसाड जिले में सर्वाधिक 38000 हेक्टेयर, नवसारी जिले में 34800 हेक्टेयर, गीर सोमनाथ जिले में 18400 हेक्टेयर, कच्छ जिले में 12000 हेक्टेयर तथा सूरत जिले में 10200 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में आम की बुवाई की गई।

गुजरात के तालाला गीर का केसर आम समग्र विश्व में सर्वाधिक विख्यात है, जिसकी गुणवत्ता के कारण केसर आम को जियोग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) टैग भी प्राप्त हुआ है। गीर के अलावा कच्छ में भी केसर आम की खेती बढ़ी है।

बावळा इरेडिएशन यूनिट द्वारा गत पाँच वर्ष में 805 मैट्रिक टन आम का इरेडिएशन-निर्यात किया गया

अहमदाबाद के निकट बावळा में राज्य सरकार द्वारा स्थापित गुजरात एग्रो रेडिएशन प्रोसेसिंग फैसिलिटी यूनिट द्वारा इस वर्ष लगभग 224 मैट्रिक टन केसर आम का इरेडिएशन कर उसका विदेश में निर्यात किया गया है। बावळा स्थित यह गामा रेडिएशन यूनिट गुजरात का सर्वप्रथम और देश की चौथी एनिमल एंड प्लांट हेल्थ इंस्पेक्शन सर्विस (यूएसडीए-एपीएचआईएस) द्वारा सर्टिफाइड इरेडिएशन यूनिट है। पिछले पाँच वर्ष में इस यूनिट से लगभग 805 मैट्रिक टन आम का इरेडिएशन कर उसका निर्यात किया गया है।

यहाँ उल्लेखनीय है कि पूर्व में आम जैसे फलों का निर्यात का करने के लिए गुजरात के किसानों को मुंबई जाकर फलों का गामा इरेडिएशन कराना पड़ता था, जिसके कारण परिवहन तथा अन्य खर्च में वृद्धि होती थी। राज्य सरकार द्वारा यह यूनिट कार्यरत किए जाने से किसान अहमदाबाद स्थित बावळा में ही फलों का गामा इरेडिएशन कराते हैं और उसका निर्यात कर उनके फल का उत्तम दाम प्राप्त कर रहे हैं।

कृषि विभाग अधीनस्थ गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा अहमदाबाद जिले में आम निर्यात के लिए आवश्यक गामा इरेडिएशन यूनिट, इंटीग्रेटेड पैक हाउस तथा पेरीशेबल एयर कारगो कॉम्प्लेक्स; तीनों ढाँचागत सुविधाएँ स्थापित की गई हैं। इसमें भी यूएसडीए-एपीएचआईसी की मंजूरी मिलने के कारण इन तीनों सुविधाओं के संयोजित उपयोग से आम तथा अनार जैसे अन्य फलों के भी गुणवत्ता प्रबंधन, व्यय नियंत्रण तथा परिवहन खर्च में कमी आने से किसानों को इसका अधिकतम लाभ मिलना शुरू हुआ है।

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