
अमृतसर ,पंजाब । शिरोमणि अकाली दल-भाजपा सरकार (2007-2017) के दाैरान हुईं पंथक गलतियों पर स्पष्टीकरण साैंपने के लिए सोमवार को बागी गुट के नेता पहुंचे। इस दाैरान पूर्व मंत्री एवं एसजीपीसी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर काैर, पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह ढींढसा और पूर्व मंत्री सोहन सिंह ठंडल पहुंचे थे।
30 अगस्त को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांच सिंह साहिबान ने सुखबीर बादल को तनखाइया घोषित करते हुए 17 पूर्व मंत्रियों को 15 दिन में पेश होकर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था। इनमें से सात पूर्व मंत्री पहले ही स्पष्टीकरण साैंप चुके हैं, तीन ने सोमवार को साैंपा।
स्पष्टीकरण सौंपने के बाद बीबी जागीर कौर ने कहा कि वर्ष 2007 से वर्ष 2017 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल और शिअद-भाजपा के नेताओं से स्पष्टीकरण मांगा है।
उन्होंने कहा कि मैं 2007 से 2012 की सरकार के दौरान विधानसभा की सदस्य नहीं थी। वर्ष 2012 से 2017 तक की सरकार में मैंने 14 मार्च 2012 को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली और 30 मार्च 2012 को कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वह केवल 16 दिनों के लिए सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं। इस दाैरान कैबिनेट बैठक में पंथक मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हुई। ऐसे में सरकार के किसी भी फैसले में मेरी संलिप्तता नहीं है। एक विधायक के रूप में या मौजूदा सरकार में एक पार्टी सेवक के रूप में इन मामलों में न तो मेरी सलाह या सुझाव लिया गया और न ही मैं किसी कार्रवाई या निर्णय में शामिल थी। पार्टी के एक जिम्मेदार सेवक के रूप में मैं समय-समय पर सिख सिद्धांतों की रक्षा करते हुए अपनी आवाज उठाती रही, लेकिन शिरोमणि अकाली दल में बादल परिवार की मजबूत पकड़ के कारण मेरे विरोध को विरोधी भूमिका के रूप में दर्ज किया गया। इस कारण मुझे पार्टी से भी बाहर कर दिया गया था। इसके बाद जगीर काैर और पूर्व मंत्री परमिंदर ढींडसा ने कहा कि मैं विनम्र भाग से गुरु पंथ के प्रति पूर्ण समर्पित होकर तख्त की ओर से सुनाई जाने वाली सजा को सिर झुकाकर स्वीकार करूंगी।
सोहन सिंह ठंडल भी पहुंचे स्पष्टीकरण देने
सोमवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री सोहन सिंह ठंडल ने भी अपना लिखित स्पष्टीकरण अकाल तख्त साहिब पर साैंपा। जत्थेदार ठंडल ने कहा कि अकाली दल की सरकार के दौरान जो भी पंथक गलतियां हुई हैं उस संबंध में पांच सिंह साहिबान की ओर से जो भी सजा सुनाई जाएगी। उसे वह एक विनम्र सिख के रूप में स्वीकार करेंगे।