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प्रवासी पक्षियों के आगमन की तैयारियां 15 से शुरू

प्रवासी पक्षियों के आगमन की तैयारियां 15 से शुरू

अमर सैनी

नोएडा। ओखला पक्षी विहार में प्रवासी पक्षियों के आगमन की तैयारियां 15 सितंबर से शुरू होंगी। विदेशी पक्षियों को झील में विचरण करने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए जलकुंभी की सफाई की जाएगी। नेचर ट्रेल की सफाई व अन्य व्यवस्थाओं के अलावा पक्षियों के बैठने के लिए बांस के चबूतरे बनाए जाएंगे। ओखला पक्षी विहार में हर साल सर्दियों में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। ज्यादातर पक्षी उन इलाकों से आते हैं, जहां सर्दियों में अत्यधिक ठंड के कारण पानी जम जाता है और प्रवास में दिक्कत होती है। पक्षी कई हजार किलोमीटर का सफर तय करके यहां पहुंचते हैं और तापमान बढ़ने पर चले जाते हैं।

ओखला पक्षी विहार के वन रेंजर अमित गुप्ता ने बताया कि तापमान में गिरावट के साथ ही पक्षियों के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। पक्षियों के आने से पहले वन विभाग झील की सफाई, उनके ठहरने और सुरक्षा के कड़े इंतजाम करेगा। झील के अंदर विभिन्न स्थानों पर पक्षियों के बैठने और तैरने की बेहतर सुविधाएं होंगी। झील से जलकुंभी हटाई जाएंगी, ताकि पक्षियों को घूमने में कोई दिक्कत न हो। पक्षियों के बैठने के लिए जलकुंभी एकत्र कर बांस के मचान और माउंट बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह काम अब तक शुरू हो जाता, लेकिन भारी बारिश और झील में पानी अधिक होने के कारण यह संभव नहीं हो पाया। 15 सितंबर से झील की सफाई शुरू हो जाएगी।

कई प्रजातियों के पक्षी आते हैं
वन विभाग के अनुसार कॉमन पोचार्ड, ग्रेटर फ्लेमिंगो, नॉर्दर्न शेवेलर, लिटिल कॉर्मोनेंट, ब्लैक हेडेड, एशियन ओपनबिल स्टॉर्क समेत कई प्रजातियों के पक्षी यहां आते हैं। कई बार यहां दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी दिखाई देते हैं। इनके आने से पक्षी विहार में पक्षी प्रेमियों और पर्यटकों की संख्या भी बढ़ जाती है। नवंबर के अंत तक पक्षियों का आना शुरू हो जाता है। हालांकि जनवरी में इनकी संख्या अधिक देखने को मिलती है। ये पक्षी दो से तीन महीने के लिए ही मेहमान बनकर आते हैं।

पक्षी विहार तक पहुंचने के लिए हजारों किलोमीटर का सफर तय करते हैं पक्षी
वन विभाग के अनुसार पक्षी विहार तक पहुंचने के लिए हजारों किलोमीटर का सफर तय करते हैं। इतना लंबा सफर तय करने में इन पक्षियों के असली मददगार चांद, सूरज और तारे हैं। इन्हें देखकर पक्षी अपनी दिशा तय करते हैं। कुछ पक्षी रेकी करते हैं और कई ऐसी चीजों का सहारा लेते हैं, जिससे उन्हें रास्ता खोजने में कोई दिक्कत नहीं होती।

पक्षी विहार में ई-कार्ट की संख्या कम हुई
ओखला पक्षी विहार में छह ई-कार्ट थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर चार रह गई है। वन विभाग के अनुसार सूरजपुर वेटलैंड में दो ई-कार्ट भेजे गए हैं। इस तरह पर्यटकों को चार ई-कार्ट पर सफर करने का मौका मिलेगा।

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