नई दिल्ली, 30 अगस्त: ब्रेन डेड अनीश बनर्जी (26 वर्ष) के परिजनों ने अपने लाड़ले के अंग अपरिचित लोगों को दान करके एक मिसाल पेश की है। इससे पहले अनीश स्वैच्छिक रक्तदान के जरिये स्वयं भी समाज सेवा के कार्यों में जुटा रहता था।
यह जानकारी एम्स दिल्ली के ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग संगठन (ओर्बो) की प्रभारी डॉ आरती विज ने शुक्रवार को दी। उन्होंने बताया कि 26 वर्षीय अनीश बनर्जी सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे उन्हें तत्काल एम्स के ट्रामा सेंटर (जेपीएनएटीसी) में भर्ती कराया गया। मगर, सर्वोत्तम और व्यापक देखभाल प्रदान किए जाने के बावजूद, उन्हें 29 अगस्त को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि घायल युवक की मस्तिष्क मृत्यु के बाद ओर्बो के काउंसलरों ने उनके परिजनों को अंग दान की अवधारणा से अवगत कराया और परिवार को अंग विफलता से पीड़ित मरीजों की जान बचाने के लिए अंगदान के बाबत राजी कर लिया। इस अवसर पर दिवंगत अनीश के पिता ने अपने पुत्र की स्मृति में एक भावुक पत्र भी लिखा – प्रिय मुन्ना, आप हमारे जीवन का सबसे खूबसूरत आशीर्वाद थे। आपके असामयिक चले जाने से एक खालीपन आ गया है जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता।
मृतक के पिता अविजित बनर्जी ने बताया कि अनीश का स्वभाव बहुत मददगार था। वह अक्सर रक्तदान करता था। उसके निस्वार्थ गुण ने परिवार को उसके अंग दान करने के लिए प्रेरित किया था। ओर्बो के मुताबिक अंगदाता के हृदय, यकृत और दोनों गुर्दे सहित पुनर्प्राप्त अंगों को राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) के माध्यम से जरूरतमंद मरीजों को आवंटित कर दिया गया। हृदय सीटीवीएस, एम्स, नई दिल्ली को, लिवर आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल (एएचआरआर), नई दिल्ली को, एक किडनी एम्स दिल्ली को और एक किडनी सफदरजंग अस्पताल को आवंटित की गई।