नई दिल्ली, 30 अगस्त : हमें अंगदान की भावना को अपने जीवन में शामिल करने की जरूरत है। ताकि हम अंग विफलता से पीड़ित लोगों को एक नया जीवन दे सकें। यह बात स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव एल.एस. चांगसन ने शुक्रवार को चिंतन शिविर में कही।
दरअसल, भारत में स्वैच्छिक अंगदान को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अंग, ऊतक दान व प्रत्यारोपण से संबंधित प्रौद्योगिकी, प्रक्रियाओं एवं विधान में सुधार के लिए दो दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) प्रो. अतुल गोयल, राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोट्टो) के निदेशक डॉ. अनिल कुमार, स्वास्थ्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव वंदना जैन सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
चिंतन शिविर में कानूनी खामियों को दूर करने, एक राष्ट्र, एक नीति, पारदर्शिता सुनिश्चित करने, पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार, अंग प्रत्यारोपण को वहनीय, सुलभ व न्यायसंगत बनाने और इसके लिए रोडमैप तैयार करने जैसे विषयों पर चर्चा की गई। दो दिवसीय चिंतन शिविर में राज्यों, गैर सरकारी संगठनों, अंग प्रत्यारोपण समितियों, प्रख्यात प्रत्यारोपण पेशेवरों और विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों के विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। इस दौरान डॉ. अतुल गोयल ने कहा, हमारे देश में देने की परंपरा यानी परोपकारिता की भावना हमेशा से रही है। हमें सरकारी और निजी अस्पतालों दोनों में मृतक दान को यथासंभव प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
पृष्ठभूमि:
भारत सरकार मृत व्यक्तियों से अंग दान को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम को लागू कर रही है ताकि अंग विफलता के अंतिम चरण से पीड़ित लोगों के लिए अंग प्रत्यारोपण के लिए अधिक अंग उपलब्ध कराए जा सकें। इस कार्यक्रम के अंतर्गत नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में शीर्ष स्तर का संगठन “राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन” (NOTTO) स्थापित किया गया है तथा प्रत्यारोपण एवं पुनर्प्राप्ति अस्पतालों और ऊतक बैंकों का एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क बनाया गया है। अंगों की प्रतीक्षा कर रहे रोगियों, प्रत्यारोपण मामलों, अंग दाताओं आदि का पंजीकरण राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है। मृत्यु के बाद अंगदान करने के इच्छुक लोगों के लिए NOTTO के वेब पोर्टल www.notto.abdm.gov.in के माध्यम से पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बना दिया गया है। वेब पोर्टल 17 सितंबर 2023 को लॉन्च किया गया।
इसके अतिरिक्त, देश के पश्चिमी, पूर्वी, उत्तरी, दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों तक पहुँचने के लिए क्रमशः मुंबई, कोलकाता, चंडीगढ़, चेन्नई और गुवाहाटी में पाँच क्षेत्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (ROTTO) स्थापित किए गए हैं।
हर राज्य में अंग प्रत्यारोपण संगठन (एसओटीटीओ) की स्थापना की गई है और अब तक 21 राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एसओटीटीओ) स्थापित किए जा चुके हैं। अंग विफलता से पीड़ित मरीज़ अपने इलाज के लिए अस्पताल में मृतक अंगदाता से अंग प्राप्त करने के लिए खुद को पंजीकृत कर सकते हैं। एक समर्पित वेबसाइट www.notto.mohfw.gov.in अंग दान और प्रत्यारोपण के बारे में जानकारी प्रदान करती है और नेटवर्किंग और राष्ट्रीय रजिस्ट्री बनाने के लिए अस्पतालों के ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा प्रदान करती है। अंग और ऊतक दान के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन शपथ लेने की सुविधा उपलब्ध है। टोल-फ्री नंबर 1800114770 पर चौबीसों घंटे एक हेल्पलाइन चालू है।