स्वास्थ्य

Breast Cancer Awareness Month 2024: चौथे स्टेज में फैलने वाले अंग और लक्षण

Breast Cancer Awareness Month 2024: ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जो महिलाओं में सबसे आम कैंसर में से एक है। दुनिया भर में हर साल लाखों महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से प्रभावित होती हैं

Breast Cancer Awareness Month 2024: चौथे स्टेज में फैलने वाले अंग और लक्षण

Breast Cancer Awareness Month 2024: ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जो महिलाओं में सबसे आम कैंसर में से एक है। दुनिया भर में हर साल लाखों महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से प्रभावित होती हैं। हालांकि, अगर इस बीमारी का पता शुरुआती चरण में लग जाए, तो इसका इलाज पूरी तरह संभव है, लेकिन जब कैंसर चौथे या मेटास्टेटिक स्टेज में पहुंच जाता है, तो यह बहुत खतरनाक हो जाता है। इस स्टेज में कैंसर सिर्फ स्तन और उसके आस-पास के लिम्फ नोड्स तक सीमित नहीं रहता, बल्कि शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों तक फैलने लगता है। यह लेख मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण, प्रभावित अंगों और इसके इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेगा।

मेटास्टेटिक Breast Cancer क्या है?

जब ब्रेस्ट कैंसर चौथे स्टेज या मेटास्टेटिक अवस्था में पहुंच जाता है, तो यह शरीर के अन्य अंगों में फैल जाता है। इसे ‘मेटास्टेसिस’ कहा जाता है। इस स्थिति में कैंसर लिम्फ नोड्स से बाहर निकलकर हड्डियों, लिवर, फेफड़े और दिमाग जैसे अंगों तक फैल सकता है। मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं में अक्सर शुरूआती स्टेज के बाद कैंसर फिर से उभर आता है, जिससे यह और खतरनाक हो जाता है।

मेटास्टेटिक Breast Cancer के लक्षण

मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर Breast Cancer के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि यह किस अंग में फैलता है। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  1. हड्डियों में मेटास्टेसिस: जब Breast Cancer हड्डियों तक फैलता है, तो मरीज को हड्डियों में दर्द, सूजन, या फ्रैक्चर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह आमतौर पर पीठ, कूल्हों, या पैरों में होता है। हड्डियों में मेटास्टेसिस के कारण मरीज को चलने-फिरने में कठिनाई हो सकती है।
  2. फेफड़ों में मेटास्टेसिस: फेफड़ों में फैलने पर सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, पुरानी खांसी, और सांस की कमी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा होने की स्थिति में मरीज को और भी ज्यादा परेशानी हो सकती है, जिसके कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।
  3. लिवर में मेटास्टेसिस: लिवर में कैंसर फैलने पर थकावट, पीलिया (त्वचा का पीला पड़ना), पेट में सूजन, वजन कम होना और भूख में कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लिवर शरीर के लिए महत्वपूर्ण कार्य करता है, इसलिए जब यह प्रभावित होता है, तो शरीर के अन्य कार्य भी प्रभावित होते हैं।
  4. दिमाग में मेटास्टेसिस: मस्तिष्क में फैलने पर न्यूरोलॉजिकल समस्याएं जैसे सिरदर्द, दौरे, दृष्टि में बदलाव, स्मृति कमजोर होना, और बोलने या चलने में कठिनाई हो सकती है। इस स्थिति में मरीज को तुरंत चिकित्सा सहायता की जरूरत होती है क्योंकि ये लक्षण गंभीर हो सकते हैं।
Breast Cancer
Breast Cancer Awareness Month 2024: ब्रेस्ट कैंसर चौथे स्टेज में शरीर के इन अंगों में फैलता है

मेटास्टेटिक Breast Cancer का निदान और जांच

मेटास्टेटिक Breast Cancer के निदान के लिए कुछ महत्वपूर्ण जांचें की जाती हैं। इनमें शामिल हैं:

  1. इमेजिंग टेस्ट: सीटी स्कैन, एमआरआई और पीईटी स्कैन जैसे इमेजिंग टेस्ट यह निर्धारित करने में मदद करते हैं कि कैंसर शरीर के किस हिस्से में फैला है। ये टेस्ट ब्रेस्ट कैंसर की स्थिति का सटीक पता लगाने और इलाज के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
  2. बायोप्सी: अगर डॉक्टर को संदेह होता है कि कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल गया है, तो वे बायोप्सी की सलाह देते हैं। इसमें कैंसरयुक्त ऊतक का नमूना लिया जाता है और माइक्रोस्कोप के तहत जांच की जाती है ताकि कैंसर के प्रकार और फैलाव का सटीक पता लगाया जा सके।
  3. ब्लड टेस्ट: ब्लड टेस्ट से भी यह पता लगाया जा सकता है कि कैंसर कितनी तेजी से बढ़ रहा है और शरीर में क्या प्रभाव डाल रहा है। इन जांचों के आधार पर डॉक्टर इलाज की योजना तैयार करते हैं।

मेटास्टेटिक Breast Cancer का उपचार

मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर का उपचार पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि यह शरीर के किस हिस्से में फैला है और मरीज की स्वास्थ्य स्थिति कैसी है। आमतौर पर मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर के उपचार में निम्नलिखित विकल्प शामिल होते हैं:

  1. कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए की जाती है। यह इलाज कैंसर के फैलाव को रोकने और उसे नियंत्रित करने में मदद करता है। हालांकि, इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जैसे बाल झड़ना, थकावट और मतली।
  2. रेडिएशन थेरेपी: जब कैंसर शरीर के किसी विशेष हिस्से में फैलता है, तो रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। यह थेरेपी कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने और दर्द को कम करने में मदद करती है।
  3. टारगेटेड थेरेपी: यह एक विशेष प्रकार का इलाज है, जो उन कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाता है, जिनमें असामान्य जीन या प्रोटीन होते हैं। यह इलाज कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मदद करता है और स्वस्थ कोशिकाओं को कम नुकसान पहुंचाता है।
  4. हॉर्मोन थेरेपी: अगर ब्रेस्ट कैंसर हार्मोन-संवेदनशील है, तो डॉक्टर हॉर्मोन थेरेपी की सलाह देते हैं। यह थेरेपी हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करके कैंसर की बढ़त को रोकने में मदद करती है।

निष्कर्ष

मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर अवस्था है, लेकिन इसका इलाज संभव है अगर सही समय पर पहचान हो और उपचार किया जाए। नियमित जांच, इमेजिंग टेस्ट और डॉक्टर से समय-समय पर परामर्श लेना जरूरी है। रोगियों को अपने ऑन्कोलॉजिस्ट के साथ विस्तार से चर्चा करनी चाहिए और हर उपचार विकल्प को समझना चाहिए ताकि वे अपने स्वास्थ्य को बेहतर तरीके से संभाल सकें। इसके साथ ही, मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने और सही जानकारी प्राप्त करने के लिए ‘ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ’ के महत्व को समझना भी आवश्यक है।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विशेषज्ञों की राय और सामान्य जानकारियों पर आधारित है। किसी भी चिकित्सकीय सलाह के लिए विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।

Read Also: ज्यादा चीनी खाने से केवल डायबिटीज नहीं, बढ़ सकता है डिप्रेशन का भी खतरा: स्टडी में खुलासा

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button