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Be Happy Movie Review: बोरिंग कहानी, औसत से भी कमजोर फिल्म! अभिषेक बच्चन को चाहिए ब्रेक?

अभिषेक बच्चन स्टारर ‘Be Happy’ एक कमजोर फिल्म साबित हुई। रेमो डिसूजा का निर्देशन और ढीली स्क्रिप्ट दर्शकों को बांधने में नाकाम। पढ़ें पूरा रिव्यू।

अभिषेक बच्चन स्टारर ‘Be Happy’ एक कमजोर फिल्म साबित हुई। रेमो डिसूजा का निर्देशन और ढीली स्क्रिप्ट दर्शकों को बांधने में नाकाम। पढ़ें पूरा रिव्यू।

Be Happy Movie Review: बोरिंग कहानी, औसत से भी कमजोर फिल्म! अभिषेक बच्चन को चाहिए ब्रेक?

फिल्म: Be Happy
कलाकार: अभिषेक बच्चन, इनायत वर्मा, नोरा फतेही, नासर, हरलीन सेठी, जॉनी लीवर
निर्देशक: रेमो डिसूजा
लेखक: रेमो डिसूजा, तुषार हीरानंदानी, कनिष्क देव, चिराग गर्ग
निर्माता: लिजेल रेमो डिसूजा
रिलीज़ डेट: 14 मार्च 2024
ओटीटी प्लेटफॉर्म: अमेजन प्राइम
रेटिंग: ⭐ (1/5)

क्या ‘Be Happy’ आपको खुश कर पाएगी?

रेमो डिसूजा ने हिंदी सिनेमा को ‘ABCD’ और ‘ABCD 2’ जैसी डांस-केंद्रित फिल्में दीं, लेकिन ‘Street Dancer 3D’ के बाद उनका निर्देशन सवालों के घेरे में आ गया। पांच साल बाद बड़े पर्दे पर उनकी वापसी ‘Be Happy’ से हुई, लेकिन यह फिल्म कहीं से भी ‘खुशी’ नहीं देती।

अभिषेक बच्चन एक अच्छे अभिनेता बनने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी हालिया फिल्मों में एकरूपता और भावनात्मक गहराई की कमी साफ नजर आती है। ‘Be Happy’ के साथ भी यही समस्या है—कमजोर कहानी, ढीला निर्देशन, और साधारण अभिनय।

फिल्म की कहानी

‘Be Happy’ एक पिता-पुत्री के रिश्ते की कहानी है, लेकिन इसमें गहराई की कमी है। शिव (अभिषेक बच्चन) अपनी बेटी (इनायत वर्मा) के डांस करने के खिलाफ है। फिल्म का फोकस इस संघर्ष और बेटी के डांसिंग करियर को लेकर उसके संघर्ष पर है। नोरा फतेही और हरलीन सेठी की एंट्री कहानी में कुछ नयापन लाने की कोशिश करती है, लेकिन यह फिल्म को बचाने में नाकाम रहती हैं।

फिल्म के सेकंड हाफ में डांस रियलिटी शो का ट्रैक आता है, जिसमें जय भानुशाली, पुनीत पाठक, सलमान यूसुफ खान, एली अवराम और सोनाली बेंद्रे की कैमियो एंट्री होती है। लेकिन यह रियलिटी शोज से ज्यादा बोरिंग लगता है।

अभिषेक बच्चन को चाहिए ब्रेक?

अभिषेक बच्चन ने ‘I Want To Talk’ में दमदार परफॉर्मेंस दी थी, लेकिन ‘Be Happy’ में उनका अभिनय सपाट और थका हुआ लगता है। उनकी बॉडी लैंग्वेज और संवाद अदायगी में एक ठहराव दिखता है, जो दर्शकों को उनसे जोड़ने में असफल रहता है।

क्या उन्हें एक ब्रेक लेकर खुद को रिफ्रेश करने की जरूरत है? शायद हां! अभिषेक को अपनी स्क्रिप्ट चॉइस पर फिर से विचार करना चाहिए।

निर्देशन और स्क्रिप्ट की सबसे बड़ी कमियां

  1. कमजोर पटकथा: फिल्म की कहानी में नयापन नहीं है और यह भावनात्मक रूप से दर्शकों को जोड़ने में असफल रहती है।
  2. निर्देशन में कोई इनोवेशन नहीं: रेमो डिसूजा अब भी वहीं खड़े हैं जहां 2020 में थे। उनकी निर्देशन शैली में कोई सुधार नहीं दिखता।
  3. फिल्म के किरदार अधूरे: किरदारों की बैकस्टोरी को गहराई से नहीं दिखाया गया, जिससे वे दर्शकों से जुड़ ही नहीं पाते।
  4. इमोशनल कनेक्शन गायब: जहां ‘Piku’ जैसी फिल्में पिता-पुत्री के रिश्ते को बखूबी दिखाती हैं, वहीं ‘Be Happy’ इस मामले में बहुत पीछे रह जाती है।

Be Happy Movie Review in Hindi by Pankaj Shukla Abhishek Bachchan Inayat Verma Remo Dsouza

क्या यह फिल्म देखनी चाहिए?

अगर आप अच्छी कहानी और दमदार अभिनय वाली फिल्में पसंद करते हैं, तो ‘Be Happy’ को मिस कर सकते हैं। यह फिल्म न तो इमोशनल लेवल पर प्रभाव डालती है, न ही एंटरटेनमेंट फैक्टर में स्कोर करती है।

👉 अगर आप डांस और इमोशनल ड्रामा पसंद करते हैं, तो ‘ABCD’ या ‘Piku’ देखना बेहतर रहेगा।

Final Verdict:

‘Be Happy’ कमजोर स्क्रिप्ट और फीके अभिनय के कारण उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती। अभिषेक बच्चन और रेमो डिसूजा को अपनी गलतियों से सीखकर आगे बढ़ने की जरूरत है।

रेटिंग: ⭐ (1/5)

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