भारत

आयुष अस्पताल में भर्ती व चिकित्सा संबंधी बिल विवाद पर लगेगी लगाम

-बीते 10 सालों में आयुष चिकित्सा पद्धतियों से इलाज कराने वाले लोगों की संख्या में हुआ 8 गुना इजाफा

नई दिल्ली, 27 मई: स्वास्थ्य बीमा योजना और केंद्रीय कर्मचारी स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत आयुष चिकित्सा पद्धति से उपचार कराने वाले लोगों को अब क्लेम की प्रतिपूर्ति और कैशलेस भुगतान में कोई दिक्कत पेश नहीं आएगी। दरअसल, केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने आयुष पद्धति से उपचार करने वाले डॉक्टरों और बीमा प्रदाता कंपनियों के लिए स्टैंडर्ड गाइडलाइन्स बनाई हैं जिसके जरिये लाभार्थियों के भर्ती संबंधी और बिल भुगतान संबंधी दावों एवं शिकायतों का आसानी से निपटान किया जा सकेगा।

इस संबंध में सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, दिल्ली में एक सेंसिटाइजेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया जिसमें केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सचिव पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा, एआईआईए की निदेशक डॉ तनूजा नेसारी और आयुष बीमा कोर कमेटी के अध्यक्ष बेजोन मिश्रा के अलावा निजी और सार्वजनिक बीमा कंपनियों के सीईओ एवं प्रबंध निदेशक, सूचीबद्ध निजी आयुष अस्पतालों के मालिक और स्वास्थ्य बीमा व सीजीएचएस लाभार्थी मौजूद रहे। इस दौरान आयुष अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती न करने या भर्ती करने के बाद ज्यादा पैसा वसूलने से लेकर कैशलेस बिल भुगतान में आनाकानी जैसी समस्याओं पर चर्चा की गई। साथ ही आयुष क्षेत्र में बीमा कवरेज, मानक उपचार दिशानिर्देश और बीमा क्षेत्र में आयुष की पैठ और रोहिणी प्लेटफॉर्म पर आयुष अस्पतालों की ऑनबोर्ड जानकारी जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।

इस अवसर पर राजेश कोटेचा ने कहा देश की जनता एक बार फिर अपनी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की ओर लौट रही है जिसका प्रमाण बीते 10 सालों में आयुष पद्धतियों से उपचार कराने वाले लोगों की संख्या में आठ गुना तक का इजाफा होने के रूप में दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि हमने आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए भारतीय मानक ब्यूरो के सहयोग से 100 से ज्यादा मानक तैयार किए हैं जिनसे लोगों को लाभ होगा। वहीं, बीमा कंपनियों और सूचीबद्ध अस्पतालों के लिए तैयार की गई गाइडलाइन्स से तमाम विवादों का आसानी से समाधान किया जा सकेगा। कोटेचा ने सभी आयुष विशेषज्ञों से आग्रह किया कि वह मरीज के इलाज के दौरान स्टैंडर्ड गाइडलाइन्स का पालन करें ताकि लोगों को बीमा योजना का लाभ आसानी से मिल सके।

275 से ज्यादा बीमा पैकेज उपलब्ध
आयुष पद्धति से इलाज के लिए बीमा कंपनियों ने 275 से ज्यादा रोगों के लिए पैकेज बनाए हैं जिनका लाभ आसानी से उठाया जा सकता है। जल्द ही इस क्षेत्र में विदेशी कंपनियों और स्टार्टअप्स का भी आगमन होने वाला है जिससे लोगों को किफायती दरों पर बीमा मिल सकेगा।

क्लेम अप्रूवल बोर्ड में आयुष विशेषज्ञ
स्वास्थ्य बीमा के तहत खर्च राशि की प्रतिपूर्ति या अन्य दावों का निपटारा करने वाले क्लेम अप्रूवल बोर्ड में आयुष के विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी शामिल किया जाएगा। जिससे बीमा कंपनियों की मनमानी पर रोक लग सकेगी।

एलोपैथी नहीं आयुर्वेद आधारित हो बीमा योजना
वर्तमान बीमा सेवाएं मुख्य रूप से एलोपैथी संबंधी सर्जिकल और आपातकालीन सेवाओं पर केंद्रित हैं, लेकिन दो-तिहाई क्षेत्र दीर्घकालिक बीमारियों से निपटने वाले लोगों का है जिन्हें प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल की जरूरत है। सवाल यह है कि दीर्घकालिक समस्याओं, आवर्ती समस्याओं, ऑटोइम्यून बीमारियों, न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों वाले मरीज क्या करें? अब समय आ गया है कि लक्षणों से राहत पाने के बजाय बीमारी के मूल कारण की पहचान और उपचार किया जाए।

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