Stolen Review: 90 मिनट की थ्रिलर जो आपको हिला कर रख देगी, अभिषेक बनर्जी की परफॉर्मेंस दिल जीत लेगी
Stolen Review: Amazon Prime Video पर रिलीज़ फिल्म 'Stolen' 90 मिनट की थ्रिलिंग राइड है। अभिषेक बनर्जी, शुभम वर्धन और मिया मैल्ज़र की शानदार एक्टिंग और करन तेजपाल के दमदार डायरेक्शन ने इसे मास्टरपीस बना दिया है।

Stolen Review: Amazon Prime Video पर रिलीज़ फिल्म ‘Stolen’ 90 मिनट की थ्रिलिंग राइड है। अभिषेक बनर्जी, शुभम वर्धन और मिया मैल्ज़र की शानदार एक्टिंग और करन तेजपाल के दमदार डायरेक्शन ने इसे मास्टरपीस बना दिया है।
Stolen Review: 90 मिनट तक दिल, दिमाग, नींद सब चुरा लेगी ये फिल्म, अभिषेक, शुभम और मिया की एक्टिंग मास्टरक्लास
कहां देखें: Amazon Prime Video
अवधि: 90 मिनट
डायरेक्टर: करन तेजपाल
लेखक: करन तेजपाल, गौरव ढींगरा, स्वप्निल सालकर
Stolen Review: कहानी जो अंदर तक झकझोरती है
‘Stolen’ की कहानी दो भाइयों के इर्द-गिर्द घूमती है। जब एक भाई दूसरे को स्टेशन पर लेने आता है, तभी एक बच्चे के अपहरण की घटना हो जाती है। शुरुआत में आरोप उन्हीं पर लगता है, लेकिन कहानी धीरे-धीरे ऐसे मोड़ लेती है जो दर्शकों को बांधकर रखती है। झूंपा नाम की महिला, जिसका बच्चा चोरी हुआ है, उसकी मदद करते हुए दोनों भाई एक ऐसे सफर पर निकलते हैं जो सांसें रोक देता है।
Stolen Review: डायरेक्शन और राइटिंग की क्लास
करन तेजपाल ने इस फिल्म को जिस कुशलता से डायरेक्ट किया है, वह काबिल-ए-तारीफ है। हर फ्रेम, हर सीन जरूरी और मजबूत है। फिल्म की रफ्तार इतनी तीव्र है कि दर्शक एक पल के लिए भी बोर नहीं होते। राइटिंग में कोई ढील नहीं — संवाद, इमोशन्स और थ्रिल सब कुछ सटीक है।
Stolen Review: अभिनय- एक मास्टरक्लास
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अभिषेक बनर्जी: पहले से ही एक वर्सेटाइल एक्टर के रूप में पहचान रखते हैं, लेकिन Stolen में उन्होंने अपने करियर की सबसे दमदार परफॉर्मेंस दी है। सादगी, बेचैनी, डर और जिम्मेदारी के भाव उन्होंने जिस बारीकी से निभाए हैं, वो शायद ही कोई और कर पाता।
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शुभम वर्धन: उनके किरदार में सख्ती और ईमानदारी है। नियमों से बंधा एक भाई जो हालातों से टकरा रहा है। उनके और अभिषेक के बीच के दृश्यों में गजब की केमिस्ट्री है।
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मिया मैल्ज़र (झूंपा): दिल को छू लेने वाला परफॉर्मेंस। उनकी आंखों में जो पीड़ा है, वो सीधे दिल तक पहुंचती है। इस रोल के लिए उन्हें बड़े स्तर पर पहचान मिलनी ही चाहिए।
Stolen Review: तकनीकी पक्ष भी दमदार
फिल्म का सिनेमैटोग्राफी, बैकग्राउंड म्यूज़िक और एडिटिंग — सब कुछ इतना बारीक और प्रोफेशनल है कि 90 मिनट की ये कहानी कहीं भी ढीली नहीं पड़ती। कोई ग्लैमर नहीं, कोई आइटम सॉन्ग नहीं, सिर्फ शुद्ध और स्ट्रॉन्ग सिनेमा।
Stolen Review: क्यों देखें ये फिल्म?
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सिर्फ इसलिए नहीं कि इसे वेनिस फिल्म फेस्टिवल में सराहा गया है।
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इसलिए देखें क्योंकि ये शानदार सिनेमा है।
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इसलिए देखें क्योंकि ये एक इमोशनल, थ्रिलिंग और सोचने पर मजबूर कर देने वाली कहानी है।
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और इसलिए देखें क्योंकि जब इंडस्ट्री टैलेंट को दो साल तक रिलीज़ का इंतजार कराती है, तो दर्शकों का फर्ज बनता है ऐसे सिनेमा को सपोर्ट करना।
रेटिंग: 4.5/5