
नई दिल्ली, 21 अप्रैल: विश्व लिवर दिवस 2025 के उपलक्ष्य में सोमवार को निर्माण भवन में लिवर स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव, डीजीएचएस अतुल गोयल, आईएलबीएस के निदेशक डॉ. एसके सरीन, एफएसएसएआई के सीईओ जी. कमला वर्धन राव भी उपस्थित थे। जेपी नड्डा ने कहा कि लिवर हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है जो पाचन, डिटॉक्सिफिकेशन और ऊर्जा भंडारण जैसे आवश्यक कार्य करता है। अगर लिवर स्वस्थ नहीं है तो हमारा शरीर कई बीमारियों से प्रभावित होगा।
उन्होंने कहा कि फैटी लिवर न केवल लिवर के कार्य को प्रभावित करता है, बल्कि हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और यहां तक कि कैंसर के जोखिम को भी काफी हद तक बढ़ाता है। उन्होंने यह भी कहा कि फैटी लिवर को रोका जा सकता है और स्वस्थ जीवनशैली और स्वस्थ खान-पान की आदतों को अपनाकर काफी हद तक इसे ठीक किया जा सकता है। साथ ही देश में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के बोझ को कम किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री नड्डा ने सभी से ‘लिवर के स्वास्थ्य का ख्याल रखने, नियमित रूप से इसकी जांच करवाने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने’ का संकल्प लेने का आह्वान किया। शिविर में सभी प्रतिभागियों ने पीएम मोदी के आह्वान पर सही भोजन विकल्प चुनने, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, खाद्य तेल का सेवन कम से कम 10 प्रतिशत कम करने तथा मोटापे से लड़ने के बारे में जागरूकता फैलाने की शपथ ली। एफएसएसएआई ने एक प्रदर्शनी भी लगाई जिसमें मिलेट्स और लिवर अनुकूल आहार को प्रदर्शित किया गया, जो इस वर्ष की थीम ‘भोजन ही औषधि है’ के अनुरूप थी।
शिविर में आईएलबीएस की टीम ने नैदानिक जांच (बीएमआई, कमर-कूल्हे का अनुपात और रक्तचाप), प्रयोगशाला परीक्षण (फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज, लिवर फ़ंक्शन परीक्षण, लिपिड प्रोफ़ाइल, पूर्ण रक्त गणना, हेपेटाइटिस बी और सी की जांच), फाइब्रोस्कैन, शरीर की संरचना का विश्लेषण और तेल व प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के सेवन को कम करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यक्तिगत पोषण परामर्श भी प्रदान किया।
लिवर विकारों को रोकने में कारगर है मिलेटस
मिलेट्स या श्री अन्न में पोषक तत्वों से समृद्ध आहार है, जो फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर है। यह पित्त स्राव को बढ़ावा देने, सूजन को कम करने, लिपिड प्रोफाइल और पाचन में सुधार करने में सहायता करता है। ये सभी कारक लिवर के स्वास्थ्य से जुड़े हैं। यानि दैनिक आहार में मिलेटस को शामिल करने से लिवर विकारों को रोकने में मदद मिलती है जिसमें नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग भी शामिल है।
ये भी लिवर के लिए फायदेमंद
इस दौरान क्रूसिफेरस सब्जियों (जैसे ब्रोकोली और फूलगोभी), पत्तेदार साग, तैलीय मछली (ओमेगा-3 से भरपूर), नट्स और बीज, खट्टे फल और स्वस्थ वसा (जैसे जैतून का तेल) को भी बढ़ावा दिया गया, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने, विषहरण प्रक्रिया में मदद पहुंचाने और लिवर के समग्र कार्य-प्रणाली को बनाए रखने के लिए जाने जाते हैं।