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नई दिल्ली:सेना ने एलओसी स्थित सिमारी गांव को किया रोशन

नई दिल्ली: -ऑपरेशन सद्भावना के तहत बिजली, एलपीजी कनेक्शन कराए गए उपलब्ध

नई दिल्ली, 14 अप्रैल : देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात सेना के प्रयासों से कश्मीर की बीहड़ करनाह घाटी में स्थित सिमारी आज एक आदर्श गांव बन गया है। यह गांव साबित करता है कि भारतीय लोकतंत्र देश की सबसे दूरस्थ और संवेदनशील सीमाओं तक भी पहुंचता है।

एलओसी (नियंत्रण रेखा) पर स्थित सिमारी गांव भारतीय गणराज्य का मतदान बूथ नंबर 1 है जिसके आधे घर पाकिस्तान में दूर से दिखाई देते हैं। अब तक, यहां अंधेरा एक रोजमर्रा की सच्चाई थी। अनियमित विद्युत आपूर्ति के कारण परिवारों को केरोसिन लैंप और जलाऊ लकड़ी पर निर्भर रहना पड़ता था। बिजली कटौती के कारण बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते थे और नागरिकों की आजीविका ठप हो जाती थी।

ऐसे में भारतीय सेना की चिनार कोर ने ऑपरेशन सद्भावना के तहत एक ऐसा समाधान तैयार किया जो न केवल घरों को बिजली दे रहा है। बल्कि उनके जीवन को भी बदल रहा है। इस कार्य में पुणे स्थित असीम फाउंडेशन ने भी मदद की है। सेना ने यहां सौर माइक्रो-ग्रिड के जरिये उच्च दक्षता वाले पैनल, इनवर्टर और बैटरी बैंक लगाए हैं जो चौबीसों घंटे बिजली की गारंटी देते हैं।

सेना ने 53, 347 आबादी वाले गांव के हर घर में बिजली के साथ नए डबल बर्नर स्टोव और एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं जिसने जलाऊ लकड़ी की दैनिक खोज को समाप्त कर दिया है और धुएं से होने वाली बीमारियों को कम किया है। लोग एलईडी लाइटिंग, सुरक्षित पावर सॉकेट और ओवरलोड से सुरक्षा करने वाले लिमिटर का आनंद ले रहे हैं।

सेना ने शहीद नायक को समर्पित है ऑपरेशन सद्भावना
यह परियोजना कर्नल संतोष महादिक, शौर्य चक्र (मरणोपरांत) की स्मृति को समर्पित है, जिन्होंने 17 नवंबर 2015 को कुपवाड़ा जिले में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान दे दी थी। निडर नेतृत्व और जम्मू और कश्मीर के लोगों के प्रति अडिग प्रेम के लिए सम्मानित, कर्नल महादिक ने कर्तव्य से परे सेवा का प्रतीक बनाया है। कर्नल महादिक की विरासत हर रोशन कक्ष, हर सुरक्षित भोजन और सिमारी गांव की रोशनी के नीचे डाले गए हर वोट में जीवित है।

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