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नोएडा में 200 स्कूली बसें असुरक्षित, होगा एक्शन

नोएडा में 200 स्कूली बसें असुरक्षित, होगा एक्शन

अमर सैनी

नोएडा। गर्मी की छुट्टियां जल्दी ही खत्म होने जा रही है। नोएडा एक हाई टेक सिटी है। जहां, एक से बढ़कर एक हाईटेक स्कूल है। स्कूलों में बच्चों के लिए अभिभावक लाखों रुपये खर्च करते हैं, ताकि उनके बच्चों को अच्छी सुविधाएं मिल पाए। स्कूलों द्वारा इतना पैसा पाने के बाद भी लापरवाही बढ़ती ही जा रही है। स्कूलों ने बच्चों के जीवन को खेल का एक जरिए समझ लिया है।

करीब 200 स्कूली बसों की फिटनेस जांच नहीं हुई है। इन पर पंजीकरण निरस्त होने की तलवार लटक रही है। बसों के संचालकों ने अब तक परमिट भी रिन्यू नहीं कराया है। गर्मी की छुट्टियां शुरू होने से पहले परिवहन विभाग की ओर से सभी स्कूली को निर्देश दिए गए कि बसों की जांच करवा ली जाए। उस वक्त 142 अनफिट और 125 स्कूली बसें ऐसी थीं, जिनका परमिट रिन्यू नहीं हुआ था। अब तक 267 स्कूली बसों में से 67 को ब्लैकलिस्ट से बाहर कर दिया गया है। इन बसों के संचालकों ने फिटनेस टेस्ट करा लिया है। बाकी बस संचालकों द्वारा इसे नहीं कराया गया है।
पहले भी गर्मी की छुट्टियो के दौरान इन संचालकों को समझा दिया गया था, लेकिन किसी भी संचालक ने वाहनों की जांच नहीं कराई थी। उप-संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ.सियाराम वर्मा ने बताया कि बच्चों की जिंदगी से कोई समझौता न हो, इसे सुनिश्चित करते हुए इसमें प्रवर्तन की पांच टीमें लगाई गई थीं। अब इन बसों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा।

क्या होने चाहिए सुरक्षा के उपाय

बस में बैठने की क्षमता के आधार पर अग्निशमन यंत्र होनी चाहिए। बच्चों की सूची होनी चाहिए। जिसमें नाम, पता, ब्लड ग्रुप और रूट चार्ट शामिल हो। बच्चों की सुरक्षा के लिए ड्राइवर के अलावा एक सहायक भी होना चाहिए। बस पर स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना चाहिए।आगे और पीछे मोटे अक्षरों में स्कूल बस लिखा होना चाहिए। स्कूल बस में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स मौजूद होना चाहिए। ऐसे कई और तय मानक है, जिनका स्कूलों द्वारा पालन नहीं होता है।

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