देश में 50% से अधिक लिवर प्रत्यारोपण सर गंगा राम अस्पताल के सर्जनों ने किए संपन्न : राणा
-अस्पताल के ज्ञान बर्मन लिवर यूनिट ने लिवर प्रत्यारोपण के बाबत युवा सर्जनों को किया प्रशिक्षित

नई दिल्ली, 30 मई : सर गंगा राम अस्पताल की ज्ञान बर्मन लिवर यूनिट ने युवा सर्जनों को प्रशिक्षित करने से लेकर लिवर की बीमारियों पर किताबें एवं पेपर प्रकाशित करने के साथ शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम किया है जिससे भारत में लिवर प्रत्यारोपण सुविधा स्थापित करने में मदद मिली है। एक अनुमान के मुताबिक देश में 50% से अधिक लिवर प्रत्यारोपण सर गंगा राम अस्पताल में काम कर चुके सर्जन संपन्न करते हैं।
यह बातें सर गंगा राम ट्रस्ट सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. डी.एस. राणा ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर दिल्ली में आयोजित 9वें ज्ञान बर्मन व्याख्यान में बुधवार को कहीं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 में सर गंगा राम अस्पताल में ज्ञान बर्मन लिवर इकाई की शुरुआत की गई थी, जिसे उनके परिवार ने लिवर प्रत्यारोपण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए एक फंड के साथ श्रद्धांजलि के रूप में शुरू किया था। इसका मुख्य उद्देश्य भारत और विदेश से आए युवा डॉक्टरों को हेपेटो बिलियरी सर्जरी में शिक्षा प्रदान करने के लिए एक फेलोशिप प्रोग्राम शुरू करना, भारत में प्रसिद्ध रोगों पर शोध करना, लिवर प्रत्यारोपण का समर्थन करना और कमजोर रोगियों को सहायता प्रदान करना है।
डॉ राणा के मुताबिक ज्ञान बर्मन लिवर फंड ने भारत में लिवर प्रत्यारोपण कार्यक्रम की शुरुआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिसके चलते अब इस देश में 184 लिवर प्रत्यारोपण केंद्र हैं जहां 2022 में 3500 प्रत्यारोपण किए गए थे। यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी संख्या थी और सबसे अधिक संख्या में जीवित दाता लिवर प्रत्यारोपण थे। इसकी शुरुआत से अब तक 15 देशों के 145 सर्जनों को ज्ञान बर्मन फेलोशिप के तहत प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इन देशों में केन्या, मेक्सिको, फिजी, तुर्कमेनिस्तान, सूडान, ज़िम्बाब्वे, नाइजीरिया, इथियोपिया, मॉरीशस, बांग्लादेश, नेपाल, सऊदी अरब, संयुक्त राज्य अमेरिका, ग्रीस, पाकिस्तान शामिल हैं। इसके साथ ही रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए मैनुअल, ‘लिवर प्रत्यारोपण हैंडबुक फॉर पेशेंट्स’ और एक ओपन एक्सेस पुस्तक ‘हाउ टू प्रैक्टिस एकेडमिक मेडिसिन एंड पब्लिश फ्रॉम डेवलपिंग कंट्रीज’ का प्रकाशन किया गया है जिसे अब तक 1.6 मिलियन बार डाउनलोड किया जा चुका है। वहीं, डॉ. अजय स्वरूप ने कहा, सर गंगा राम अस्पताल विभिन्न स्तरों पर शिक्षा में सुधार करने और समाज के सभी वर्गों की देखभाल के लिए कटिंग एज मेडिकल प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने में लगा हुआ है।