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उत्तर प्रदेश, नोएडा: अरघ लेईं सूरजदेव,खुश होइहैं छठी मइया

उत्तर प्रदेश, नोएडा: अरघ लेईं सूरजदेव,खुश होइहैं छठी मइया

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा।पहिले पहिले हम कइनी छठी मैया वरत तोहार,केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके झूके,कांच ही बांस के बहंगिया,बंहगी लचकत जाय…हे छठी मइया नदिया के तीर…आदि लोक गीतों से सोमवार को नोएडा, ग्रेटर नोएडा व ग्रेनो वेस्ट के घाट गूंज उठे। लोक आस्था के पर्व के तीसरे दिन लाखों भक्तों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार व समाज के लिए सुख समृद्धि की कामना छठी मइया से की। हालांकि बादल छाए रहने के कारण सूर्य देव दिखाई नहीं दिए। वहीं प्रदूषण का भी असर दिखाई दिया। छठी व्रतियों ने सूर्य ढलने के समय के हिसाब से सूर्य को अर्घ्य दिया। वहीं घाटों पर महाकुंभ का रखा जल भी डाला गया। इसके साथ ही कन्नौज के इत्र को भी घाट में डाला गया। छठी व्रतियों पर ड्रोन से फूलों की वर्षा भी की गई।

दोपहर तीन बजे से ही घाटों में सेक्टर, सोसाइटी व गांवों में रहने वाले श्रद्धालु पहुंचने लगे। सेक्टर-74 स्थित केपटाउन सोसाइटी, के एओए अध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया कि केप क्लब-1 के स्विमिंग पूल में महिलाओं ने अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया। होम्स 121 सोसाइटी के पूर्व एओए अध्यक्ष दिनेश सिंह ने बताया कि सोसाइटी निवासियों की ओर से छठ पूजा मल्टी स्टोरी सोसाइटी की छत पर आर्टिफिशियल पानी टब की व्यवस्था की गई है। सेक्टर 21ए स्थित नोएडा स्टेडियम में प्रवासी महासंघ द्वारा आयोजन छठ पर्व के दौरान भोजपुरी गायिका अनन्या सिंह और कथक नृत्यांगना अनु सिन्हा ने समां बांध दिया। सेक्टर-94, यमुना नदी और कालिंदी कुंज के घाट, सेक्टर-7 सेंट्रल पार्क, सेक्टर 34 स्थित बी-3 अरावली अपार्टमेंट में छठ पर्व मनाया गया। वहीं, ग्रेनो वेस्ट की 50 से अधिक सोसाइटियों में छठ पूजा के विशेष इंतजाम किए गए। ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित ऐस डिविनो,पार्क एवेन्यू,ऐस एस्पायर,कासा ग्रीन्स एक, गौड़ सिटी एक, रक्षा अडेला सोसाइटी,संस्कृति विहार सोसायटी, गौड़ सौंदर्यम सोसायटी,11 एवेन्यू,12 एवेन्यू, जेकेजी पाम कोर्ट सोसाइटी, एसकेए मेट्रो विले, पैरामाउंट गोल्फ, पंचशील ग्रीन एक, गैलेक्सी रॉयल, गैलेक्सी वेगा, व्हाइट ऑर्किड सोसायटी, महागुण मंत्रा एक,दो और महागुण माईवुड्स सहित कई सोसाइटियों में भी छठ पूजा का आयोजन किया गया।

ग्रेटर नोएडा के नवादा गांव स्थित छठ घाट, सेक्टर-36 स्थित पार्क में छठ घाट पर, सेक्टर ईटा वन के 130 मीटर रोड के सामने, आईईसी कॉलेज के सामने पार्क में, ग्रेनो वेस्ट की 50 से अधिक सोसाइटियों में, महागुण मंत्रा वन स्थित छठ घाट स्थल पर, कासना, कुलसेरा, हिंडन पुश्ता, गौड़ सिटी के लेक व्यू पार्क, चेरी काउंटी पुलिस चौकी के पास नेफोवा फाउंडेशन की ओर से आयोजित छठ घाट, सेक्टर म्यू दो स्थित छठ घाट,शिवालिक होम्स सोसाइटी, पंचशील एक सोसाइटी, सिग्मा तीन घाट पर बड़ी संख्या में छठ धारियों ने निर्जला व्रत रखकर व्रतियों ने सूर्य देव और छठी मइया से आशीर्वाद मांगे। दिन में गेहूं,घी और शक्कर से ठेकुआ और लड्डू का प्रसाद बनाया गया। मंगलवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही व्रत और महापर्व का समापन होगा।

 

आज उगते सूर्य को देंगे अर्घ्य, वितरित किया जाएगा प्रसाद

पूर्वांचल मिथिलांचल पूजा सेवा समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार झा ने बताया कि कि मंगलवार सुबह तीन बजे से ही लोग घाट पर एकत्रित होने लगेंगे। सूर्योदय तक छठ मइया की पूजा की जाएगी, फिर चढ़ते सूर्य को व्रती अर्घ्य देंगे। इसके बाद महिलाएं अपने-अपने घरों में पूजा करेंगी और उपवास तोड़ेंगी। पूर्वांचल एकता मंच एवं नेफोवा फाउंडेशन द्वारा एक मूर्ति चौक स्थित छठ घाट पर अर्घ्य दिया गया।

दंडवत करते हुए पहुंचे घाट

आस्था का महापर्व छठ को लेकर श्रद्धालुओं में कई धारणाएं है। भगवान भास्कर से अपनी मन्नतें पूरा करने व मन्नतें पूरे होने पर व्रती छठ करते है। मन्नतें पूरा होने पर कई छठ व्रती अपने घर से सड़क पर दंडवत होकर भगवान भास्कर को याद करते हुए छठ घाट पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि मन्नत मांगी थी कि वह घाट पर दंडवत करके पहुंचेंगे।

 

पहली बार किया व्रत

बिरोड़ी में रहने वाले रोशन ने बताया कि उन्होंने पहली बार छठी माई का व्रत किया है। घाट पर वह दंडवत करके आएं हैं। उन्होंने बताया कि माई से घर पर सुख शांति की कामना की है। इसके साथ ही भूल में हुई गलती को माफ करने की अरदास लगाई है।

रक्षा अडेला सोसाइटी में रहने वाली वंदना सिंह ने बताया कि माई की कृपा पूरे परिवार पर बनी रहे। इसी कामना के साथ पहली बार व्रत किया है। हर साल मइया का व्रत करने की ठानी है।

दो पीढ़ियों ने मिलकर किया छठी माता का व्रत

सेक्टर 122 के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार शर्मा ने बताया कि कुछ परिवारों ने यह व्रत बेटे के लिए, तो कुछ ने बेटी की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए किया। सबसे कम उम्र की व्रती 25 वर्ष की थीं, जबकि सबसे वरिष्ठ व्रती 75 वर्ष की रहीं। दोनों पीढ़ियों ने मिलकर आस्था का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर बाल गायिका हीरत का छठ का गीत समा बांध दिया।

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