Agra Ramleela 2025: श्रीरामलीला में हुआ भावनात्मक मंचन, ‘राम-राम’ गूंजते ही नम हुईं श्रद्धालुओं की आँखें

Agra Ramleela 2025: श्रीरामलीला में हुआ भावनात्मक मंचन, ‘राम-राम’ गूंजते ही नम हुईं श्रद्धालुओं की आँखें
रिपोर्ट: आकाश जैन
आगरा में यमुना पार स्थित ट्रांस यमुना कॉलोनी फेज-2 के रामलीला पार्क में बीती रात आयोजित श्रीरामलीला महोत्सव के दौरान ऐसा भावनात्मक दृश्य देखने को मिला, जब पूरे पंडाल में ‘राम-राम’ की गूंज के बीच श्रद्धालुओं की आँखें नम हो गईं। मंच पर सीता स्वयंवर, श्रीराम वनगमन, केवट संवाद और राजा दशरथ मरण जैसे प्रसंगों के जीवंत मंचन ने वातावरण को भक्ति और भावनाओं से भर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ सीता स्वयंवर के मंचन से हुआ। जब राजा जनक ने संवाद कहा — “धर्म पर आधारित यह विवाह युगों-युगों तक आदर्श रहेगा” — तो पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
इस पवित्र प्रसंग में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल ने भी मंच पर पहुँचकर हिस्सा लिया और सीता के कन्यादान के दौरान भावुक होते हुए कहा कि वह खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं जो इस पावन अवसर का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों के माध्यम से सनातन धर्म की शिक्षा अगली पीढ़ी तक पहुँचाना आवश्यक है। आज के युवाओं को भगवान राम की माता या रावण के पिता का नाम तक नहीं पता, इसलिए रामलीला जैसे मंचन समाज को अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं।
आगे के मंचन में श्रीराम का वनगमन, गंगा तट पर केवट संवाद और अंत में राजा दशरथ का पुत्र वियोग में मरण जैसे प्रसंगों ने दर्शकों को भाव-विह्वल कर दिया। “राम… राम…” की गूंज के साथ जब दशरथ मरण का दृश्य हुआ, तो कई श्रद्धालु अपनी भावनाएं रोक नहीं पाए और उनकी आँखों से आँसू छलक पड़े। रामलीला समिति के अध्यक्ष डॉ. नौनिहाल सिंह कुशवाह ने बताया कि आगामी प्रस्तुतियों में भरत मिलाप, सीता हरण, हनुमान मिलन और सूपर्णखा नासिका भंग जैसे प्रसंगों का मंचन किया जाएगा, जिनके माध्यम से समाज में धर्म, त्याग और मर्यादा का संदेश देने का उद्देश्य है।