उत्तर प्रदेश : विश्व दलिया दिवस पर विशेष, वाइल्डलाइफ एसओएस के भालू पुनर्वास केंद्र में दलिया का महत्व

Mathura News (सौरभ) : 10 अक्टूबर को विश्व दलिया दिवस के अवसर पर, वाइल्डलाइफ एसओएस वन्यजीव पुनर्वास केंद्र में एक महत्वपूर्ण पहलू पर प्रकाश डाला गया है: बचाए गए भालुओं के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया दलिया। वाइल्डलाइफ एसओएस के बचाव केंद्रों में दलिया न केवल एक स्वादिष्ट भोजन है, बल्कि यह एक वैज्ञानिक रूप से डिज़ाइन किया गया आहार है, जो उपेक्षा से बचाए गए स्लॉथ भालुओं के लिए जलयोजन, पाचन और स्वास्थ्य लाभ में सहायक है।
दलिया का महत्व
वाइल्डलाइफ एसओएस में दलिया सिर्फ़ एक आरामदायक भोजन नहीं है, बल्कि यह पोषण विज्ञान का एक कारगर रूप है। हर दलिए की प्लेट बचाए गए भालुओं की शारीरिक और मौसमी ज़रूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की जाती है। दलिया में रागी, ज्वार और बाजरा का एक मौसम-अनुकूल मिश्रण होता है, जो भालुओं के स्वास्थ्य और गतिविधि के स्तर के अनुसार तैयार किया जाता है।
भालुओं के लिए विशेष आहार
वाइल्डलाइफ एसओएस के पशु चिकित्सा सेवाओं के उप निदेशक डॉ. एस इलियाराजा बताते हैं कि दलिया उनके भालू पुनर्वास कार्यक्रमों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह संतुलित पोषण, जलयोजन और आसानी से पचने योग्य, वह सब कुछ प्रदान करता है जो स्वस्थ रहने के लिए भालू को चाहिए। प्रत्येक भालू को हर दिन लगभग 8-9 किलोग्राम दलिया मिलता है, जो उसके स्वास्थ्य और गतिविधि के स्तर के अनुसार तैयार किया जाता है।
वाइल्डलाइफ एसओएस की पहल
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण कहते हैं कि उनके द्वारा परोसे जाने वाला दलिया वर्षों के विज्ञान, करुणा और क्षेत्रीय अनुभव का परिणाम है। यह अविश्वसनीय है कि कैसे यह साधारण भोजन बुनियादी पोषण और उन्नत वन्यजीव पुनर्वास पर खरा उतरता है। वाइल्डलाइफ एसओएस की यह पहल वन्यजीव संरक्षण और पुनर्वास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है।