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नई दिल्ली: सियाचिन यात्रा से मिले अनुभव व सीख का संदेश देश के युवाओं तक पहुंचाएं :मांडविया 

नई दिल्ली: -'माई भारत राष्ट्रीय ध्वज प्रश्नोत्तरी' के विजेता लौटे दिल्ली, केंद्रीय मंत्री से किया संवाद

नई दिल्ली, 2 अक्तूबर : माई भारत राष्ट्रीय ध्वज प्रश्नोत्तरी के विजेता सियाचिन की अपनी ऐतिहासिक यात्रा पूरी करने के बाद नई दिल्ली पहुंचे, जहां केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

केंद्रीय मंत्री मांडविया के साथ बातचीत के दौरान, एक युवा प्रतिभागी ने कहा कि सियाचिन जाना उनके जीवन का सबसे बड़ा परिवर्तनकारी अनुभव रहा है। उन्होंने बताया कि भारतीय सैनिकों को ऐसी कठिन परिस्थितियों में देश की रक्षा करते देखकर उन्हें भी उसी लगन से देश की सेवा करने की प्रेरणा मिली है। युवा प्रतिभागी मानस मोंडल ने कहा, इस यात्रा के दौरान मैंने अनुशासन, दृढ़ता और सौहार्द का वास्तविक मूल्य सीखा। मोंडल ने कहा, मैं अपने राष्ट्र के प्रति दायित्व की भावना और अपने समकालीनों के बीच इस संदेश को प्रसारित करने की प्रतिबद्धता के साथ घर लौट रहा हूं।

डॉ. मनसुख मांडविया ने युवाओं के उत्साह और सेवा-भाव तथा कर्तव्यबोध के मूल्यों को अपनाने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने आग्रह किया, आपको इस यात्रा के अनुभव और सीख का संदेश इस देश के युवाओं तक पहुंचाना चाहिए। बता दें कि राष्ट्रीय ध्वज प्रश्नोत्तरी के 25 विजेताओं का दल 26 सितम्बर से 1 अक्टूबर, 2025 तक सियाचिन बेस कैंप की यात्रा पर गया था। विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र के अत्यंत प्रेरणादायक वातावरण से घिरे हुए, उन्होंने भारतीय सेना के साथ मुलाकात की, स्मारकों पर श्रद्धांजलि अर्पित की, तथा अग्रिम पंक्ति पर जीवन की वास्तविकताओं का प्रत्यक्ष अनुभव किया।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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