
अमर सैनी
नोएडा। नोएडा में लाखों घर खरीदार कई सालों से परेशान हैं। बिल्डरों को पैसा देने के बावजूद उनको अपना हक नहीं मिल रहा है। कई प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हुए हैं। शनिवार और रविवार को घर खरीदार रजिस्ट्री को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन करते हैं। ऐसे में बिना रजिस्ट्री वाले फ्लैट में रह रहे लोगों के लिए जरूरी खबर है। नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में करीब 1700 फ्लैट मालिकों को अपने घरों का मालिकाना मिलने जा रहा है। इसके लिए 22 बिल्डरों ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को स्वीकारते हुए 245 करोड़ रुपये नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में जमा कर दिए हैं। प्राधिकरण की ओर से इन फ्लैटों की रजिस्ट्री कराई जाएगी।
नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि इन 22 बिल्डरों ने कुल बकाये राशि का 25 प्रतिशत हिस्सा जमा किया है। इस धनराशि के आधार पर 1700 फ्लैटों की रजिस्ट्री संभव हो सकेगी। वहीं, आठ अन्य बिल्डरों ने भी कुल बकाये के 25 प्रतिशत हिस्से का कुछ भाग जमा किया है, लेकिन अभी उनकी रजिस्ट्री की गणना नहीं की गई है। जैसे ही ये बाकी राशि जमा करा देंगे, उनके फ्लैटों की भी रजिस्ट्री कर दी जाएगी।अब तक शहर में 650 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है। हालांकि, अभी भी 12 बिल्डर ऐसे हैं जो न तो धनराशि जमा करा रहे हैं और न ही प्राधिकरण की सहमति दे रहे हैं। इन पर करीब 1696 करोड़ रुपये का बकाया है। प्राधिकरण इन बिल्डरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।
इन बकायादार बिल्डरों को नोटिस
बकायादार बिल्डरों में सेक्टर-50 का टीजीबी इंफ्रास्ट्रक्चर, सेक्टर-121 का रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर-120 का आरजी रेजिडेंसी प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर-77 का सिविटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर-61 का मनीषा कीबी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर-118 का आईवीआर प्राइम, सेक्टर-78 का एसोटेक, सेक्टर-75 का गार्डेनिया इंडिया लिमिटेड, सेक्टर-137 का एमपीजी रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर-75 का फ्यूटेक शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर-44 का एसोटेक कांट्रेक्टर्स लिमिटेड और सेक्टर-77 का एवीपी बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इन बिल्डरों को सात मई को प्राधिकरण ने नोटिस भेजा है। नोटिस में बकाया जमा नहीं कराने पर आवंटन निरस्त करने और संपत्ति अटैच करने को कहा गया है।