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उत्तर प्रदेश, नोएडा: 12 साल पुराने प्लॉट आवंटन पर कार्रवाई, बिना निर्माण वाले प्लॉट होंगे रद, सख्त चेतावनी

उत्तर प्रदेश, नोएडा: 12 साल पुराने प्लॉट आवंटन पर कार्रवाई, बिना निर्माण वाले प्लॉट होंगे रद, सख्त चेतावनी

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा।नोएडा में आवासीय प्लॉट मालिकों में हड़कंप मच गया है। नोएडा अथॉरिटी की 219वीं बोर्ड बैठक में यह बड़ा फैसला लिया गया है कि जिन आवंटियों ने 12 साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अपने प्लॉट पर निर्माण नहीं कराया है, उनके आवंटन रद कर दिए जाएंगे। यह बैठक नोएडा के नए चेयरमैन दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी। नोएडा अथॉरिटी ने साफ किया है कि जिन आवंटियों का निर्माण कार्य जारी है, उन्हें अगले छह महीने के भीतर कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेना होगा। समयसीमा पूरी न होने पर नोएडा में ऐसे प्लॉट भी निरस्त कर दिए जाएंगे।

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के खाली पड़े औद्योगिक प्लॉटों के आवंटन रद करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि जिन औद्योगिक भूखंडों का आवंटन तीन साल पहले हुआ और अब तक निर्माण नहीं हुआ, उन्हें रद किया जाए। इसके बाद नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी, तीनों प्राधिकरण अब अपनी-अपनी क्षेत्रीय सूचियाँ तैयार कर रहे हैं।बैठक में एक समान नियमों के लिए यूनिफाइड पॉलिसी लागू करने का भी निर्णय लिया गया। इस पॉलिसी के तहत संस्थागत सीनियर सेकेंडरी स्कूलों और नर्सिंग होम योजनाओं में आवंटन इसी नीति के आधार पर होगा। साथ ही, सेक्टर-143 में लगभग 4,000 वर्गमीटर भूमि पुलिस विभाग को निशुल्क आवंटित करने का भी प्रस्ताव पारित हुआ, ताकि वहां नया पुलिस थाना बनाया जा सके और स्थानीय सुरक्षा को मजबूती मिले।

खाली पड़े प्लॉटों पर अब नहीं मिलेगा एक्सटेंशन

शहर के पुराने सेक्टरों में सैकड़ों आवासीय प्लॉट वर्षों से खाली पड़े हैं। कई प्लॉट ऐसे हैं, जिनका आवंटन 12 साल से पहले हुआ था, लेकिन आज तक निर्माण शुरू नहीं हुआ। अब अथॉरिटी ने ऐसे सभी प्लॉटों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इन पर किसी प्रकार का एक्सटेंशन नहीं दिया जाएगा, बल्कि आवंटन सीधा रद किया जाएगा।

कूड़ा निस्तारण और बिल्डर प्रोजेक्ट पर भी हुई चर्चा

बैठक में कूड़ा निस्तारण के मुद्दे पर भी अहम निर्णय लिया गया। सेक्टर-145 में 300 टन क्षमता वाला इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित करने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। इसके लिए जल्द ही रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी किया जाएगा। इसी तरह, अमिताभ कांत पॉलिसी के तहत ऐसे 57 बिल्डर प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की गई, जिन्हें पुनर्जीवित किया जा सकता था। इनमें से केवल 35 बिल्डरों ने रुचि दिखाई, जबकि बाकी ने अब तक अथॉरिटी के पैसे जमा नहीं किए हैं। प्राधिकरण ने अब ऐसे बिल्डरों के खिलाफ श्रेणीवार कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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