उत्तर प्रदेश,नोएडा: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की नई डेड लाइन जल्द
उत्तर प्रदेश,नोएडा: -दो डेडलाइन बीत गई, एयरोड्रम लाइसेंस के लिए DGCA को जल्द करेंगे अप्लाई

उत्तर प्रदेश,नोएडा।नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कामर्शियल फ्लाइट के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा। मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज सिंह ने निरीक्षण के दौरान सामने आया कि अब भी प्रमुख बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर काम बचा हुआ है। इस दौरान एयरपोर्ट के टर्मिनल बिल्डिंग और एयरोड्रम लाइसेंस के काम की प्रगति का निरीक्षण किया गया था।
साथ ही यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL),नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA),भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI)और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारियों से मुलाकात की थी। जिसकी एक कंपाइल रिपोर्ट सीएम के सामने प्रस्तुत की जाएगी। कयास लगाए जा रहे है कि जुलाई या फिर अगस्त की कोई तिथि ही निश्चित की जा सकती है।
दूसरी डेडलाइन के बचे 11 दिन
पहली डेडलाइन पहले ही निकल चुकी है। और दूसरी डेडलाइन के लिए दो सप्ताह से भी कम समय बचा है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP), सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP), टर्मिनल बिल्डिंग और रनवे सिस्टम के कुछ हिस्सों जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं अभी भी अधूरी हैं। एयरपोर्ट के शुरू करने की समय सीमा 29 सितंबर 2024 थी। जिसे इस साल 17 अप्रैल तक संशोधित किया गया। फिर मई तक संशोधित किया गया क्योंकि टर्मिनल इमारत पर काम अधूरा था।
जल्द तय होगी नई समय सीमा
अधिकारियों ने कहा कि निर्माण अभी भी चल रहा है, और हवाई अड्डे को अभी तक नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) से सुरक्षा मंजूरी और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से एयरोड्रम लाइसेंस नहीं मिला हे। ऐसे में जल्द ही संशोधित समय सीमा घोषित की जाएगी। हालांकि आधिकारिक तौर पर कितना निर्माण बचा है इसका खुलासा नहीं किया गया है।
मार्च तक 80 % काम हुआ था पूरा
मार्च तक परियोजना की कुल भौतिक प्रगति 80% थी। रनवे और संबंधित एयर साइड इन्फ्रास्ट्रक्चर 90% पूरा हो चुका था, अप्रैल तक तैयार होना था। यात्री टर्मिनल भवन केवल 80% पूरा हुआ था, जिसमें स्टील की छत और इंटीरियर का काम चल रहा था। पानी और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, दोनों 40% पूरे हो चुके हैं, जो समय से पीछे हैं। हालांकि एटीसी बिल्डिंग का निर्माण 31 मार्च तक पूरा होना था, लेकिन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा सीएनएस/एटीएम सिस्टम को चालू करने का काम 30 अप्रैल तक पूरा होने का अनुमान था।
रोजाना लग रहा 10 लाख का जुर्माना
परियोजना को पूरा करने में देरी के लिए 1 जनवरी से रियायत कर्ता यापल पर रोजाना 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा रहा है। यानी पांच महीने बीत चुके है। करीब 15 करोड़ का जुर्माना कंपनी पर लग चुका है। मुख्य सचिव ने निरीक्षण में स्पष्ट किया था कि कार्य को तेजी से पूरा कराया जाए लेकिन गुणवत्ता के साथ किसी प्रकार का समझौता के खिलाफ चेतावनी दी।