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उत्तर प्रदेश, नोएडा: यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण बोर्ड बैठक में किसानों को बड़ा फायदा, उद्योग व शहरी विकास योजनाओं को मिली रफ्तार

उत्तर प्रदेश, नोएडा: यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण बोर्ड बैठक में किसानों को बड़ा फायदा, उद्योग व शहरी विकास योजनाओं को मिली रफ्तार

अजीत कुमार

उत्तर प्रदेश, नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की 86वीं बोर्ड बैठक शनिवार को प्राधिकरण सभागार में हुई। बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव (औद्योगिक विकास विभाग) एवं प्राधिकरण अध्यक्ष आलोक कुमार ने की। मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राकेश कुमार सिंह ने विभिन्न एजेंडा बिंदु रखे, जिन पर गहन विचार-विमर्श के बाद कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इन निर्णयों से क्षेत्र के किसानों, उद्योगों और शहरी विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

प्राधिकरण की 86वीं बोर्ड बैठक ने एक साथ कई मोर्चों पर विकास का खाका पेश किया है। किसानों के हित में उठाए गए कदम, स्मार्ट विलेज और अर्बन सेंटर जैसी योजनाएं ग्रामीण व शहरी जीवन में बड़ा बदलाव लाएँगी। वहीं, लॉजिस्टिक हब, एक्सपोर्ट क्लस्टर और मेडिकल डिवाइस पार्क जैसी औद्योगिक योजनाएं न केवल निवेश आकर्षित करेंगी बल्कि हजारों रोजगार भी उपलब्ध कराएंगी। कुल मिलाकर यह बैठक यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र को उत्तर भारत का सबसे तेज़ी से विकसित होने वाला औद्योगिक और शहरी केंद्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

हजारों किसानों को सीधा आर्थिक लाभ

बैठक में प्रस्तुत वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 में 31 अगस्त तक प्राधिकरण की कुल प्राप्तियां 1314.10 करोड़ रहीं। दूसरी ओर, इस अवधि में 2063.41 करोड़ का भुगतान किया गया। यह दर्शाता है कि विकास कार्यों पर प्राधिकरण का खर्च आय से कहीं अधिक है, जिससे बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा खड़ा करने की मंशा स्पष्ट होती है। भूमि अधिग्रहण प्रभावित किसानों को अब तक 2835.03 करोड़ का 64.7% अतिरिक्त प्रतिकर (नो लिटिगेशन इंसेंटिव) दिया जा चुका है। इस कदम से हजारों किसानों को सीधा आर्थिक लाभ हुआ है और विवादित भूमि मामलों के निपटारे में तेजी आने की संभावना है।

7% आबादी भूखंड योजना

29 ग्रामों के पात्र किसानों को अब तक 6260 आरक्षण पत्र जारी किए गए। इनमें से 4171 किसानों को भूखंड आवंटित हो चुके हैं। यह योजना किसानों को स्थायी आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा रही है।

29 गांवों को स्मार्ट विलेज में विकसित करने की योजना

मास्टर प्लान 2041 के तहत 29 गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है। इनमें से 9 गांवों का काम पूरा हो चुका है, 10 गांवों में कार्य प्रगति पर है और शेष 10 गांवों में कार्य प्रस्तावित है। दिसंबर 2026 तक ₹125 करोड़ की लागत से सभी गांव आधुनिक सुविधाओं से लैस कर दिए जाएंगे। इसमें सड़क, नाली, सीवर, जलापूर्ति और सामुदायिक ढांचे पर खास जोर रहेगा।

गौशाला सुविधा पर होंगे करोड़ों खर्च

आगरा के धीरऊ गौशाला तक पहुंच मार्ग बनाने का निर्णय लिया गया। 2.2 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर 2.15 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसके बन जाने से गौशाला तक पशु आहार और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति आसान होगी।

आधुनिक प्राधिकरण कार्यालय भवन

सेक्टर-18 में 27,800 वर्गमीटर क्षेत्रफल में थीम आधारित, ग्रीन बिल्डिंग और भूकंपरोधी प्राधिकरण कार्यालय भवन की डिज़ाइन को मंजूरी मिली। इस भवन को पर्यावरण के अनुकूल तकनीक और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।

लॉजिस्टिक व वेयरहाउसिंग हब

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास सेक्टर-8F में लॉजिस्टिक हब विकसित करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए विशेषज्ञ परामर्शदाता संस्था से अध्ययन कराया जाएगा। इस हब के बनने से आयात-निर्यात गतिविधियों को बल मिलेगा और हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

भवन सुरक्षा नीति

ग्रुप हाउसिंग और व्यावसायिक भवनों के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी लागू होगी। इसके तहत IIT/NIT जैसे तकनीकी संस्थानों के विशेषज्ञों को पैनल में शामिल किया जाएगा। इस निर्णय से निर्माण की गुणवत्ता पर निगरानी बढ़ेगी और भवनों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

हाथरस व आगरा में अर्बन सेंटर

हाथरस: फेज-2 क्षेत्र में अर्बन सेंटर विकसित करने का फैसला लिया गया है। इसके लिए ई-टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।

आगरा: मास्टर प्लान 2041 के तहत 14,480 हेक्टेयर भूमि पर 16.5 लाख आबादी को ध्यान में रखकर विस्तृत योजना तैयार की गई है। इसमें 75 हेक्टेयर का सोलर पार्क, जल संरक्षण व्यवस्था, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब और आधुनिक सामाजिक ढांचा शामिल होगा।

एपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर

एपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर (NEC) के अंतर्गत अब तक 81 भूखंड आवंटित किए गए हैं। 61 लीज डीड निष्पादित हो चुकी हैं और 7 आवंटियों ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। इससे क्षेत्र वस्त्र निर्यात के नए हब के रूप में उभर सकता है।

मेडिकल डिवाइस पार्क

मेडिकल डिवाइस पार्क में 89 भूखंड आवंटित किए गए हैं। इनमें से 8 आवंटियों ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। इससे स्वास्थ्य क्षेत्र में नए निवेश और रोजगार की संभावना है।

ठप पड़े रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स

प्राधिकरण ने 11 बिल्डरों के बकाए की गणना कर 25% नेट ड्यूज की वसूली कर ली है। इस कदम से ठप पड़े रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को फिर से गति मिलने की उम्मीद है।

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