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उत्तर प्रदेश, नोएडा: ग्रैप के पहले चरण की पाबंदियां लागू

उत्तर प्रदेश, नोएडा: ग्रैप के पहले चरण की पाबंदियां लागू

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली और उसके आसपास के जिले में बढ़ते प्रदूषण को देखते ग्रैप (ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान) के पहले चरण की पाबंदियों को लागू कर दिया है। सीएक्यूएम से संबंधित जिल के अधिकारियों को प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए पहले चरण की पाबंदियों को सख्ती से लागू करने के आदेश जारी किए हैं। सीक्यूएम ने यह आदेश एक सप्ताह पहले दिए थे। ग्रैप के प्रथम चरण के दौरान खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर धूल नियंत्रित करनी होगी। वहीं डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक रहेगी। सड़कों की सफाई मशीनों से सुनिश्चित करनी होगी। इसके अलावा पानी का छिड़काव करने के लिए कहा गया है। वहीं होटलों और रेस्तरां में कोयले और लकड़ी के इस्तेमाल पर रोक पूरी तरह रोक रहेगा। साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच करने के लिए भी कहा गया है।

स्मार्ट सिटी में नियंत्रण में है प्रदूषण

दिल्ली और उसके आसपास के जिलों के मुकाबले फरीदाबाद में प्रदूषण का स्तर सबसे कम है। फरीदाबाद का एक्यूआई 74 दर्ज किया गया है। वहीं गाजियाबाद सबसे प्रदूषित शहर है। यहां का वायुगुणवत्ता सूचकांक 266 रहा। इसके अलावा गुरुग्राम का 176, दिल्ली का 156, नोएडा का 132 और ग्रेटर नोएडा का 120 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया है।

उपायुक्त ने सख्ती से पालन के दिए निर्देश

पलवल के उपायुक्त डाॅ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने ग्रैप के प्रथम चरण की पाबंदियों को सख्ती से लागू करने के निर्देश जारी किए हैं। सभी जिलेवासियों को वायु प्रदूषण नियंत्रित करने वाले उपायों में सक्रिय रूप से भागीदार बनना होगा। प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है।

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