उत्तर प्रदेश, नोएडा: 20 करोड़ रुपये का फर्जी लोन कराने वाला गैंग पकड़ा
उत्तर प्रदेश, नोएडा: -गाजियाबाद से लेकर दिल्ली और गुरुग्राम तक बैंकों से डिटेल लेकर लगाया चूना, मोटी संपत्ति खरीदी

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा।गाजियाबाद पुलिस और एसटीएफ नोएडा यूनिट द्वारा 20 करोड़ से अधिक का फर्जी लोन कराने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। जहां दो युवकों को अरेस्ट किया है। इस गैंग के तार वेस्ट यूपी, हरियाणा, दिल्ली तक फैले हैं।
जिनके पास से एसटीएफ और पुलिस ने 5 लाख 10 हजार रुपये, अलग अलग कंपनियों के 63 आईडी कार्ड, 8 मोबाइल फोन, 70 चेकबुक और डेबिट कार्ड बरामद किए हैं। मुख्य आरोपी गौरव दुआ हरियाणा के फरीदाबाद का रहने वाला है, जबकि दूसरा गिरफ्तार आरोपी देवेश बैसोया ईस्ट ऑफ कैलाश लाजपत नगर दिल्ली का रहने वाला है।
कौशांबी थाने में दर्ज किया केस
एसटीएफ के एडिशनल एसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि इस गैंग ने बजाज फाइनेंस लिमिटेड के माध्यम से 12 बैंकों से धोखाधड़ी कर करीब 20 करोड़ रुपये से अधिक का लोन कराया गया है। इसमें बैंकों के कर्मचारियों की भूमिका भ संदिग्ध रही है। गाजियाबाद के कौंशांबी थाने में केस दर्ज किया गया है। गैंग में गौरव दुआ शातिर तरह का है, जाे दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकाॅम की पढ़ाई कर चुका है। पूर्व में एक कंपनी में नौकरी की, फिर बैंक में काम किया। जहां से इने अपना गैंग बनाया।
डेटा एनालिसिस में काम किया
एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि गिरफ्तार गौरव दुआ ने पूछताछ पर बताया कि मेरी उम्र लगभग 41 साल है। वर्ष 2006 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम किया है। 2005 से 2020 तक अलग अलग कम्पनी जैसे एयरटेल में डेटा ऑपरेटर तथा एसबीआई कार्ड में डेटा एनालिसिस में काम किया है।
गौरव दुआ साल 2020 में अपना होम लोन लेने के प्रयास में दिल्ली निवासी अविनाश रंजन कुमार के संपर्क में आया, जहां अलग अलग बैकों के लिए डीएसएल (Direct Sales agency) का काम करता था, बाद में अविनाश रंजन कर्मचारियों के फर्जी प्रोफाइल बनाकर बैकों से लोन लेकर धोखाधड़ी से हड़पने का काम करने लगा।
कमीशन देकर अर्जित की संपत्ति
अविनाश रंजन से बैंकों से लोन लेने का काम सीखकर गौरव दुआ भी साथ काम करने लगा। पकड़े गए गौरव दुआ ने बताया कि लोगों को पैसे का लालच देकर उनके कूटरचित दस्तावेज एवं उनकी ID ले लेते हैं और उसके बाद जो कम्पनी उनके संपर्क में रहती है, उनको कमीशन देकर कम्पनी के पैरोल पर दिखाकर उनकी कुछ महीने की सैलरी उनको अकाउंट में डालकर निकाल लेते हैं।
जिससे उनका सिविल स्कोर अच्छा बन जाता है, फिर इन लोगो की प्रोफाइल पर भारी भरकम लोन की राशि अप्रूव करा लेते हैं, जिसके लिए गौरव को 40 प्रतिशत कमीशन मिलता है। यही गौरव दुआ व इसके गैंग के द्वारा 4 चार सालों में नेक्सेज प्रा.लि कम्पनी, इनोवसोर्स, कैलीबर बिजनेस सोल्यूशन प्रालि, रैन्ड स्टड इण्डिया प्रा लि एवं गुप फोर फैसलिटी कम्पनी के पैरोल पर कई फर्जी कर्मचारी दिखाकर बैकों से करोड़ों रूपयो का लोन लेकर धोखाधड़ी की।
दिल्ली व हरियाणा के लोग भी गैंग में शामिल
पकड़े गए आरोपी गौरव दुआ की लाजपत नगर दिल्ली निवासी प्रदीप से बहुत पहले से जान पहचान थी। और इसी के माध्यम से गौरव दुआ की मुलाकात देवेश बैसोया से हुई थी और तभी से यह लोग एक गैंग बनाकर बैकों से लोन लेने का गैंग चला रहे हैं।
आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस व एसटीएफ को बताया कि फर्जी प्रोफाइल बनाकर आईडीएफसी, कोटक महिन्द्रा बैंक, बजाज फाइनेन्स कम्पनी, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एसडीएफसी बैंक, एसएमएफजी, आदित्य बिडला, हीरामल, होम क्रेडिट, आरबीएल, यश बैंक से लगभग 20 करोड रूपयों से अधिक का फर्जी लोन लेकर धोखाधड़ी की गई है।
दिल्ली व हरियाणा में फ्लैट खरीदे
दोनों आरोपियों के बैंक खातों की जांच शुरू कर दी गई है। जांच में आया कि इस गैंग ने फर्जी लोन के नाम पर करोड़ों रुपये कमाकर अलग अलग नामों से दिल्ली व हरियाणा में फ्लैट व दूसरी संपत्तियां खरीदी हैं। जिनकी पुलिस जांच कर रही है। इसमें बैंक और कंपनियों के अन्य कर्मचारी भी शामिल बताए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
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