नई दिल्ली, 30 अप्रैल: पहलगाम में हमला एक घटना नहीं थी – यह सीमा पार आतंकवाद की एक सुनियोजित कार्रवाई थी, जिसका उद्देश्य भारत में भय और अशांति को बढ़ावा देना था।
दरअसल कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले को अंजाम देने वाला द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) , जिसे लंबे समय से लश्कर की शाखा के रूप में जाना जाता है, पाकिस्तान के सैन्य-खुफिया प्रतिष्ठान – आईएसआई के संरक्षण में काम करता है। निर्दोष नागरिकों पर इस क्रूर हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान की भारत को अस्थिर करने के लिए छद्म आतंकवाद पर निर्भरता को उजागर किया है।
पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर ने बीते 16 अप्रैल को इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानियों के एक सम्मेलन में उग्रवादी भाषण दिया। जिसके बाद 18 अप्रैल को रावलकोट (पीओके) के खैगाला में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक नेता ने भारत विरोधी हमला किया। फिर भारतीय सेना द्वारा दो लश्कर आतंकवादियों की हत्या के खिलाफ आवाज उठाई और लश्कर के एक मुखौटे टीआरएफ को 22 अप्रैल को पहलगाम में भारतीय पर्यटकों (26 व्यक्ति) की भीषण हत्या करने के लिए उकसाया।
हालांकि, पाकिस्तान के अपने रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ बीते 26 अप्रैल को एक ब्रिटिश समाचार आउटलेट संग साक्षात्कार के दौरान स्वीकार किया कि पाकिस्तान 30 वर्षों से आतंकवादियों का समर्थन कर रहा है। यही नहीं, दुनिया भर में पहलगाम नरसंहार की निंदा होने के बावजूद, पाकिस्तान ने 29 अप्रैल को जम्मू के परगवाल सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन करके तनाव को और बढ़ा दिया।
यह पिछले महीने से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बिना उकसावे के गोलीबारी और घुसपैठ के प्रयासों में वृद्धि का एक पैटर्न है। इस वर्ष ही पाकिस्तानी सैनिकों ने 15 बार संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन किया है, इसके अलावा 2651 बार छोटे हथियारों से गोलीबारी की है और तीन बार घुसपैठ की कोशिश की है, जिसमें सात आतंकवादी मारे गए हैं। भारतीय सेना ने संयम बनाए रखते हुए इन उकसावे का प्रभावी ढंग से जवाब दिया है।
भारतीय पक्ष ने हर मंगलवार को दोनों डीजीएमओ के बीच होने वाली साप्ताहिक हॉटलाइन वार्ता में भी अपनी चेतावनी दी है। जमीन पर सफल न होने पर पाकिस्तान अब साइबर युद्ध की ओर मुड़ गया है। पिछले सप्ताह में पाकिस्तानी साइबर ऑपरेटरों ने भारतीय सेना से जुड़ी वेबसाइटों को निशाना बनाया, जिनमें आर्मी नर्सिंग कॉलेज, आर्मी पब्लिक स्कूल, आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गेनाइजेशन, आर्मी वेलफेयर प्लेसमेंट ऑर्गनाइजेशन और अन्य शामिल हैं।
आतंकवाद, सीमा पर आक्रमण और साइबर हमलों के जरिये भारत के धैर्य की परीक्षा हो रही है। देश को नुकसान हुआ है, लेकिन उसने संयम बनाए रखा है। हालांकि, संयम को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए। पाकिस्तान का दोहरापन अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पूरी तरह से सामने आ गया है। भारत सच्चाई, अंतरराष्ट्रीय समर्थन और अपने लोगों की रक्षा करने के दृढ़ संकल्प के साथ अपने अगले कदमों पर विचार कर रहा है।
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