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उत्तर प्रदेश : बाँके बिहारी मंदिर का तोषखाना खुला, 54 साल बाद हुई 3 घंटे तक खोजबीन, मिला 1971 का अखबार और मलबा

Mathura News (सौरभ) : विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर का पिछले 54 वर्षों से बंद पड़ा ऐतिहासिक खजाना कक्ष (तोष खाना) आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी के निर्देशन में खोला गया। कमेटी के सदस्यों और प्रशासन की मौजूदगी में यह कार्रवाई करीब 3 घंटे तक चली।

दरवाजे काटकर अंदर पहुंचे कर्मचारी

सुरक्षा और मजबूती के कारण, तोषखाने तक पहुंचने के लिए कर्मचारियों को दो दरवाजे तोड़कर अंदर दाखिल होना पड़ा। मुख्य दरवाजा कटर से काटकर खोला गया था।

सुरक्षा व्यवस्था

इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पल के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। मौके पर एनडीआरएफ, वन विभाग, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

तोषखाने के अंदर क्या मिला

हाई पावर कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने बताया कि तोषखाने के अंदर की गई शुरुआती खोजबीन में निम्नलिखित चीजें मिली हैं:

-1971 का अखबार (News Paper): यह दर्शाता है कि यह कमरा आखिरी बार उसी वर्ष बंद किया गया था।
-कलश: कुछ कलश प्राप्त हुए हैं।
-पीतल का कुछ सामान।
-भारी मात्रा में मलबा: गोस्वामी जी ने बताया कि अंदर काफी मात्रा में मलबा (debris) पड़ा है, जिससे आगे की खोजबीन में बाधा आ रही है।

कार्यवाही रोकी गई, अगली सूचना का इंतजार

सीओ संदीप सिंह ने जानकारी दी कि आज की कार्यवाही रोक दी गई है। तोषखाने की आगे की खोज और सूचीकरण का काम अग्रिम आदेश मिलने पर ही किया जाएगा। मंदिर के तोषखाना खुलने की इस प्रक्रिया के दौरान, बाँके बिहारी मंदिर के गोस्वामियों में आपसी असहमति का माहौल भी देखने को मिला। अब सभी की निगाहें कमेटी के अगले आदेश पर टिकी हैं कि मलबा हटने के बाद इस सदियों पुराने खजाने में और क्या रहस्य सामने आता है।

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