दिल्ली के शकरपुर स्थित वीर सावरकर कंप्यूटर मार्केट में बने तारों का जंजाल लोगों के लिए कभी भी बन सकता है काल
दिल्ली के शकरपुर स्थित वीर सावरकर कंप्यूटर मार्केट में बने तारों का जंजाल लोगों के लिए कभी भी बन सकता है काल
रिपोर्ट: रवि डालमिया
राजधानी में बारिश का मौसम शुरू हो चुका हैं। बारिश होने से सड़कें जलमग्न हो जाती हैं। वहीं बिजली के खंभों में खुले पड़े तारों से करंट लगने का भी खतरा बना रहता है। ऐसी कई घटनाएं भी हो चुकी हैं। इसके बावजूद पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में तारों का जाल बिछा पड़ा है। कुछ ऐसा ही पूर्वी दिल्ली शकरपुर स्थित वीर सावरकर कंप्यूटर मार्केट का है। यहां पर बने तारों का जंजाल लोगों के लिए कभी भी काल बनकर आ सकता है। मार्केट एसोसिएशन के प्रधान मनोज सिंघल का कहना है कि बीते कई बरसों से समस्या जस की तस बनी हुई है। शिकायत करने पर खानापूर्ति के लिए कार्रवाई हो जाती है। हालात ऐसे हैं कि आग लगने पर मार्केट में दमकल की गाड़ी तक नहीं घुस थे ताकि पाती है।
नए दुकानदार का नया कनेक्शन तो लग जाता है, लेकिन पुरानी केबल या इंटरनेट के कनेक्शन केवल काटे जाते हैं। उन्हें स्थायी रूप नहीं हटाया जाता।
यदि एजेंसियां सूझबूझ से काम करें तो मार्केट में तारों का जाल नजर ही से न आए, लेकिन अधिकारी इस ओर ध्यान ही नहीं देते हैं।
दुकानदारों का कहना है कि यहां से गुजरने वाले राहगीरों, वाहन चालकों व मजदूरों को तारों की चपेट में आने का डर हमेशा रहता है। मार्केट की ऐसी कोई गली नहीं है, जहां सिर ऊपर करने पर तारों के जाल के सिवा कुछ नजर आए।