कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर संसद में भी सुनाई देगी गूंज, योगी सरकार के आदेश पर विपक्ष करेगा करारा वार
कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर संसद में भी सुनाई देगी गूंज, योगी सरकार के आदेश पर विपक्ष करेगा करारा वार
22 जुलाई से शुरू होने वाले बजट सत्र के पहले सत्तापक्ष और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए आज सर्वदलीय बैठक हुई। पारंपरिक तौर पर हुई इस बैठक में जहां विपक्ष ने यूपी के कांवड़ यात्रा में नेमप्लेट विवाद को उठाया, तो वहीं कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद को लेकर यूपी सरकार के हिंदुत्व वाले एजेंडे को लेकर एनडीए के सहयोगी दल भी नाराज हैं। विपक्ष इस मुद्दे को संसद में प्रमुखता से उठाने वाला है। विवाद यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी किया है जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित खाने पीने की दूकानों, ठेला-खोमचा वालों, होटल-रेस्टोरेंट आदि को अपने मालिकों के नाम लिखना अनिवार्य कर दिया गया। यह मुस्लिम स्वामित्व वाली दूकानों की पहचान करने के लिए किया गया है। इसको लेकर विपक्ष ने सरकार पर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का आरोप लगाया। कहा कि सरकार का यह आदेश समाज को बांटने वाला है। इस मुद्दे पर एनडीए के कई सहयोगी दलों ने भी बीजेपी का साथ छोड़ दिया है और सीधे तौर पर यूपी सरकार पर निशाना साधा है।
संसद का बजट सत्र शुरू होने के पहले बुलाई गई सर्वदलीय मीटिंग में तृणमूल कांग्रेस के नेता नहीं आएं। अन्य सभी दलों के नेताओं ने मीटिंग में भाग लिया। विपक्ष ने संसद में अपने मुद्दे उठाने की मांग की। जयराम रमेश और के सुरेश सहित कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा में विपक्षी खेमे से उपाध्यक्ष को नियुक्त करने की बात कही। कांग्रेस ने नीट पेपर लीक को लेकर भी सरकार से बहस कराने की मांग की।