तीन साल से खाना चबाने में नाकाम बच्चे को सर्जरी से मिली राहत
-बीते तीन साल से तरल आहार पर जीवन गुजार रहा था मासूम

नई दिल्ली, 26 जून :करीब तीन साल से भोजन चबाने और मुंह खोलने में दिक्कत का सामना कर रहे सूर्या (8 वर्ष) को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के दंत चिकित्सा विभाग ने सर्जरी के जरिये राहत प्रदान करने में कामयाबी हासिल की है। दरअसल, यह बच्चा बाइलेटरल टीएमजे एंकिलोसिस नाम की बीमारी से पीड़ित था, जिसमें निचले जबड़े का जोड़ (टीएमजे) खोपड़ी के आधार से जुड़ जाता है। इसमें पीड़ित का मुंह खोलना असंभव हो जाता है।
प्रो और सर्जन डॉ इमरान खान ने बताया कि सर्जरी के दौरान बच्चे के मुंह के निचले जबड़े के जोड़ (टीएमजे) और खोपड़ी के आधार के बीच जुड़े हुए हड्डी के मांस को हटाया गया और एक नया जोड़ बनाया गया। इस दौरान एनेस्थीसिया प्रो खरात एम भट्ट और डॉ प्रतिभा पंजियार ने दिया। सर्जरी के बाद बच्चा न सिर्फ अपना मुंह खोल पा रहा है बल्कि भोजन भी चबा पा रहा है। प्रो इमरान खान ने बताया कि सूर्या की गहन निगरानी की जाएगी और अगले कुछ महीनों से लेकर सालों तक उसके जबड़े की फिजियोथेरेपी की जाएगी।
उधर, बच्चे के पिता और पेशे से मजदूर जितेंद्र ने बताया कि जब सूर्या 5 साल का था, तब उसकी ठोड़ी (चिन) पर चोट लग गई थी। तब से उसका मुंह धीरे-धीरे कम खुलने लगा और वह एक ऐसी स्थिति में पहुंच गया जब वह अपना मुंह 1 मिमी भी नहीं खोल पाता था। इस कारण वह केवल तरल आहार ही ले पाता था जिससे वह शारीरिक रूप से बहुत कमजोर हो गया था। कई निजी अस्पतालों में इलाज के लिए चक्कर काटे, मगर सर्जरी की लागत लाखों में बताई गई।
जितेंद्र ने बताया कि बच्चे की सर्जरी के लिए प्रमुख सरकारी संस्थानों में भी जाने की कोशिश की, लेकिन वहां प्रतीक्षा सूची बहुत लंबी थी। अंततः उन्हें एक डॉक्टर द्वारा ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग, दंत चिकित्सा संकाय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में रेफर किया गया, जहां ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग के प्रो डॉ इमरान खान ने सूर्या की जांच की। 7 जून को हमदर्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च के एचएएचसी अस्पताल में बच्चे की सफल सर्जरी हुई।