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सोलर कनेक्शन लगवाने पर छह गुना तक अधिक बिल

सोलर कनेक्शन लगवाने पर छह गुना तक अधिक बिल

अमर सैनी

नोएडा। जिले के बिजली उपभोक्ताओं को पीएम सूर्यघर योजना के तहत सौर ऊर्जा से अपने घरों को रोशन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।इसके लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं। ऐसे में जिले के कई उपभोक्ताओं ने सोलर कनेक्शन लगवा लिए। इसके बावजूद उपभोक्ताओं के बिल चार से छह गुना तक अधिक आए। सोशल मीडिया पर ऐसे मामले आने के बाद अन्य उपभोक्ता सोलर कनेक्शन लगवाने से कतराने लगे हैं। वहीं, बिजली विभाग का दावा है कि बिजली निगम के सॉफ्टवेयर में उपभोक्ताओं के सोलर कनेक्शन का डाटा अपडेट न होने के कारण ये दिक्कतें आ रही हैं।

सेक्टर-35 निवासी एनपी सिंह डीडीआरडब्ल्यूए के अध्यक्ष हैं। उन्होंने बिजली निगम से 15 किलोवाट का कनेक्शन लिया है। इसके अलावा उन्होंने 15 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगवाया। इसकी कीमत करीब आठ लाख रुपये आई। सोलर कनेक्शन के लिए बिजली निगम से सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली थीं। उन्होंने बताया कि सितंबर माह में उन्हें एक लाख 77 हजार रुपये का बिल आया। जबकि उनका औसत बिजली बिल 25 से 30 हजार रुपये आता था। बिल कम होने की बजाय छह गुना ज्यादा आया। इसकी शिकायत उन्होंने बिजली निगम से की है। ऐसा ही वाकया सेक्टर-51, एफ-48 निवासी संजीव कुमार के साथ हुआ। वह सेक्टर-51 के सीडीईएफ ब्लॉक आरडब्ल्यूए के महासचिव हैं। उन्होंने बताया कि उनके घर में 8 किलोवाट और 7 किलोवाट के दो बिजली कनेक्शन हैं। उन्होंने 4 लाख 80 हजार रुपये खर्च कर 8 किलोवाट का सोलर कनेक्शन लगवाया। उन्होंने बिजली निगम के इंजीनियरों से मीटर की जांच भी कराई। इसके लिए उन्होंने 2400 रुपये का भुगतान किया, जिसकी रसीद भी उनके पास है। उन्होंने बताया कि उनकी औसत बिजली खपत हर रोज 25 यूनिट थी। अब मीटर हर रोज 100 यूनिट बिजली खपत दिखा रहा है। उनका कहना है कि बिजली निगम के इंजीनियरों से शिकायत करने पर बताया गया कि मीटर में ही खराबी है। हालांकि जांच में कोई खराबी सामने नहीं आई। इसके बाद मीटर बदलने की सलाह दी गई। मीटर की कीमत दस हजार रुपये है।

वर्जन
सोलर कनेक्शन के गलत बिल आनेकी कुछ शिकायतेंमिली हैं। इन शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर ठीक कराया जा रहा है। संबंधित अभियंताओं और बिलिंग एजेंसी को बिल ठीक करनेके दिशा-निर्देश दिए गए है।
-ईशा दुहन, एमडी, पीवीवीएनएल।

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