
अमर सैनी
गाजियाबाद। संजयनगर स्थित देहरादून पब्लिक स्कूल (DDPS) के बाहर पेरेंट्स का धरना-प्रदर्शन 12 दिन से जारी है। वे पूरी रात स्कूल के बाहर धरने पर बैठे रहते हैं। शनिवार रात पेरेंट्स ने तिरंगा न्याय मार्च निकाला।
दरअसल, देहरादून पब्लिक स्कूल (DDPS) की संजय नगर शाखा ने अपने बच्चों को दूसरी ब्रांच मधुबन बापूधाम में शिफ्ट करने का फैसला लिया है। स्कूल प्रशासन के इस फैसले का पेरेंट्स विरोध कर रहे हैं। वे गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन (GPA) के बैनर तले 2 मई से स्कूल के बाहर टेंट लगाकर धरने पर बैठे हुए हैं। इस धरना-प्रदर्शन में हर रोज बड़ी संख्या में पेरेंट्स और उनके बच्चे शामिल हो रहे हैं। पूरी रात धरनार्थी वहीं बैठे रहते हैं। धरना-प्रदर्शन के दौरान पेरेंट्स हर रोज रात के वक्त अलग-अलग तरीकों से विरोध जताते हैं। 10 मई को प्रदर्शनकारियों ने थाली-चम्मच बजाए। 11 मई की रात पेरेंट्स ने तिरंगा न्याय मार्च निकाला।
CBSE बोर्ड चेयरमैन को एक चिट्ठी लिखी
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने वीडियो कॉल पर आजाद समाज पार्टी के चीफ चंद्रशेखर आजाद से बात की। उन्होंने आंदोलन को समर्थन का भरोसा दिया। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने इस संबंध में CBSE बोर्ड चेयरमैन को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने बताया है कि पेरेंट्स ने अपने बच्चों का दाखिला कक्षा छह और सात में DDPS की संजयनगर ब्रांच में कराया था। अब स्कूल प्रबंधन इन बच्चों को अपनी दूसरी ब्रांच मधुबन बापूधाम में भेज रहा है। दोनों स्कूलों के बीच की दूरी करीब 12 किलोमीटर है। 12 अप्रैल 2024 को स्कूल प्रबंधन ने लिखित रूप में भरोसा दिया कि बच्चों को शिफ्ट नहीं किया जाएगा। लेकिन चुनाव बीतते ही स्कूल प्रबंधन बच्चों की शिफ्टिंग पर अड़ गया है।
स्कूल ने जनप्रतिनिधियों की बात को भी किया अनसुना
पिछले दिनों भाजपा विधायक अजीतपाल त्यागी और पूर्व मेयर आशु वर्मा धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने पेरेंट्स की मांग को जायज और स्कूल के फैसले को गलत माना। जनप्रतिनिधियों की भी यही मांग है कि बच्चों को शिफ्ट न किया जाए, लेकिन स्कूल प्रशासन अपने फैसले से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस नेत्री डॉली शर्मा भी पेरेंट्स के समर्थन में आ गई हैं। उन्होंने डीएम गाजियाबाद से कहा है कि वे 300 से ज्यादा परिवारों की स्थिति देखें। इनके साथ बुरा हुआ है। बच्चों को जब एडमिशन संजयनगर ब्रांच में दिया गया तो उन्हें अब मधुबन बापूधाम ब्रांच में क्यों भेजा जा रहा है।