शरीर का गुमनाम नायक है लिवर : सरीन
- विश्व लिवर दिवस पर 'स्वस्थ लिवर सुखी जीवन' के बाबत लोगों को किया गया जागरूक
नई दिल्ली, 19 अप्रैल (टॉप स्टोरी न्यूज़ नेटवर्क): शरीर की चयापचय प्रक्रियाओं में ही नहीं बल्कि गैर-संचारी रोगों के संबंध में भी लिवर की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह शरीर का वो गुमनाम नायक है, जो चुपचाप अपना काम करता रहता है। लिहाजा, हमें लिवर के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि इसका स्वास्थ्य हमारे शरीर के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है। यह बातें लिवर और पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) के निदेशक और चांसलर डॉ. शिव कुमार सरीन ने विश्व लिवर दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कहीं।
उन्होंने देश की आबादी में फैटी लीवर रोग के इलाज के महत्व को भी रेखांकित किया, जो अन्य गैर-संचारी रोगों के साथ जुड़ाव के कारण तेजी से चिंता का एक महत्वपूर्ण कारण बनता जा रहा है। इस अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ साइमा वाजेद (वर्चुअली) और नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल जैसे दिग्गजों के साथ एमिटी इंस्टीट्यूशंस के संस्थापक-अध्यक्ष अशोक चौहान, कृष्ण चेतना के वैश्विक राजदूत व इस्कॉन नेता जयपताका स्वामी मौजूद रहे।
डॉ. चौहान ने कहा, यकृत रोगों से निपटने के लिए एक संयुक्त मोर्चे की आवश्यकता है। हमें महत्वपूर्ण प्रगति करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों, सरकारी निकायों और गैर सरकारी संगठनों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए। डॉ. विनोद कुमार पॉल ने कहा, आईएलबीएस को लिवर रोगों के लिए एक अग्रणी प्राथमिक देखभाल मॉडल विकसित करना चाहिए, जो स्वास्थ्य देखभाल में नवाचार की एक नई लहर को प्रेरित कर सके।
डॉ वाजेद ने कहा लिवर की बीमारियां एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है। इससे संबंधित ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं को सीमाओं के पार साझा करके, हम एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जहाँ हर कोई लिवर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आवश्यक संसाधनों तक पहुंच सके। इस अवसर पर यकृत कुटुंबकम शीर्षक से आईएलबीएस की वार्षिक रिपोर्ट का लोकार्पण किया गया। इसके अलावा लिवर रोग जागरूकता-निर्माण गतिविधियों और प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले 30 से अधिक छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए गए।