
नई दिल्ली, 26 मार्च: रक्षा मंत्रालय ने नाग मिसाइल सिस्टम के एंटी-टैंक हथियार प्लेटफॉर्म और 5 हजार हल्के वाहनों की खरीद के लिए वीरवार को नई दिल्ली में लगभग 2,500 करोड़ रुपये का अनुबंध किया। इससे सेना की मारक क्षमता में इजाफा होगा।
दरअसल ‘नाग’ तीसरी पीढ़ी की ‘दागो और भूल जाओ’ टैंक रोधी मिसाइल है जिसे हेलीकॉप्टर, टैंक, बीएमपी या किसी भी आर्मर्ड व्हीकल पर तैनात किया जा सकता है। इसे भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन ने बनाया है। यह एक ट्रैक्ड बख्तरबंद लड़ाकू वाहन के साथ उपलब्ध होती है जिसमें कुल 12 मिसाइलें हैं। छह रेडी मोड में रहती हैं और छह स्टोरेज में होती हैं।
यह अनुबंध पैदल सेना की टैंक रोधी क्षमता के आधुनिकीकरण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जिसे 1,801.34 करोड़ रुपये की लागत से हासिल किया जाएगा। स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित वाहन व हथियार प्रणाली संबंधी अनुबंध पर रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड, फोर्स मोटर्स लिमिटेड और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे