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पंजाब के पर्यटन एंव संस्कृतिक मामलों के विभाग ने खन्ना में ‘धीया दी लोहड़ी’ मनाई

पंजाब के पर्यटन एंव संस्कृतिक मामलों के विभाग ने खन्ना में ‘धीया दी लोहड़ी’ मनाई

– पंजाब सरकार ने राज्य की बेटियों- बहनों के लिए बजट में विशेष हिस्सा रखा- तरुनप्रीत सिंह सौंद

प्रीति कंबोज
चंडीगढ़, 10 जनवरी:

नवजात बच्चियों को समाज में समानता का अधिकार दिलाने और राज्य के लिंग अनुपात में और सुधार लाने के लिए बेटियों की लोहड़ी मनाना समय की अहम ज़रूरत है। बेटियाँ इस देश की धरोहर है। किसी भी देश की तरक्की बेटियाँ के बिना नहीं हो सकती।

यह बात पर्यटन एंव सांस्कृतिक मामलों के मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने पर्यटन एंव सांस्कृतिक मामले विभाग की द्वारा ए.एस. कालेज (लड़कियाँ), खन्ना में करवाए गए ‘धीया दी लोहड़ी’ समागम में बतौर मुख्य मेहमान के तौर पर शामिल होने पर कही।

उन्होंने कहा कि आज का समागम बेटियाँ को समर्पित है। कोई ऐसा क्षेत्र नहीं जहाँ बेटियों का योगदान न हो। आज की बेटियाँ माहिर डाक्टर, पायलट, वैज्ञानिक और प्रोफ़ैसर है। समाज में बेटियों का सम्मान सबसे पहले नंबर पर है।

तरुनप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार बेटियों के सम्मान एंव नारी सशक्तिकरन के अंतर्गत अनेक पहलकदमियां कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा लिंग अनुपात में सुधार लाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर ख़ुशी और आश्वासन अभिव्यक्त किया कि मौजूदा समय बहुत सी लड़कियाँ सरकारी नौकरियाँ और अन्य उच्च पदों पर है।

सौंद ने कहा कि बेटियाँ हमेशा अपने माँ-बाप की कामयाबी चाहती है और हमारा सभी का फ़र्ज़ बनता है कि हम बेटियाँ को बेटों के बराबर का माहौल दें। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने राज्य की बेटियाँ- बहनों के लिए बजट में विशेष कर हिस्सा रखा है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार बेटियों की शिक्षा के लिए भी विशेष प्रयास कर रही है। सौंद ने कहा कि शिक्षा ही ऐसी सीढ़ी है जिससे महिलाएं समाज में समानता का अधिकार हासिल कर सकती है।

इस मौके गायक मीत कौर और कालेज की विदयार्थियों ने सांस्कृतिक प्रोगराम भी पेश किया। प्रोग्राम में कैबिनेट मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद की धर्म पत्नी कमलजीत कौर और बेटी जसकीरत कौर भी विशेष तौर पर शामिल हुए।

प्रोगराम दौरान पर्यटन एंव सांस्कृतिक मामले और सूचना एंव लोक संपर्क विभाग के सचिव मालविन्दर सिंह जग्गी, सैर सपाटा और संस्कृतिक मामले विभाग के डायरैक्टर अमृत सिंह और ज़िले के उच्च अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में लड़कियाँ उपस्थित थी।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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