Tamil Nadu: तमिलनाडु के अरियालुर में पीएम मोदी का भव्य रोड शो, चोल साम्राज्य को बताया भारत का स्वर्णिम अध्याय

Tamil Nadu: तमिलनाडु के अरियालुर में पीएम मोदी का भव्य रोड शो, चोल साम्राज्य को बताया भारत का स्वर्णिम अध्याय
तमिलनाडु के ऐतिहासिक नगर गंगईकोंडा चोलपुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो ने आज एक नया उत्साह भर दिया। अरियालुर ज़िले में हुए इस आयोजन में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी, जिन्होंने मोदी-मोदी के नारों और पारंपरिक सांस्कृतिक रंगों से स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने रोड शो के दौरान न केवल लोगों का अभिवादन स्वीकार किया बल्कि ऐतिहासिक महत्व के इस स्थान की विरासत पर भी विस्तार से बात की।
जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने चोल साम्राज्य के गौरवशाली इतिहास की सराहना करते हुए कहा, “इतिहासकार मानते हैं कि चोल साम्राज्य का दौर भारत के स्वर्णिम युगों में से एक था। यह वह समय था जब भारत न केवल कला, संस्कृति और स्थापत्य में आगे था, बल्कि शासन व्यवस्था में भी दुनिया के लिए एक मिसाल बना हुआ था।”
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भारत की लोकतांत्रिक जड़ों की चर्चा करते हुए कहा कि चोल साम्राज्य ने भारत को लोकतंत्र की जननी कहने की परंपरा को आगे बढ़ाया। “आज दुनिया में लोकतंत्र की शुरुआत की बात होती है तो मैग्ना कार्टा को उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत किया जाता है, लेकिन हमारे इतिहास में, चोल साम्राज्य जैसे उदाहरण पहले से मौजूद हैं, जहां ग्राम सभाओं के जरिए प्रतिनिधि चुने जाते थे और सत्ता का विकेंद्रीकरण स्पष्ट रूप से देखने को मिलता था।”
मोदी ने आगे कहा, “हमने ऐसे कई राजाओं के बारे में सुना है जो विजय के बाद सोना, चांदी या पशुधन लाते थे, लेकिन चोल सम्राट राजेंद्र चोल, जब गंगा से विजय के बाद लौटे, तो वे गंगाजल लेकर आए। यह दिखाता है कि उस युग में भी हमारी आस्थाएं, हमारी सांस्कृतिक भावनाएं कितनी गहराई से जुड़ी थीं।”
प्रधानमंत्री का यह भाषण केवल ऐतिहासिक गौरव को दोहराने तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत को अपने प्राचीन इतिहास और परंपराओं से प्रेरणा लेकर विश्व मंच पर नेतृत्व करना है। रोड शो के दौरान पारंपरिक नृत्य, लोक संगीत और तमिल संस्कृति की झलक भी लोगों को देखने को मिली, जिससे पूरा माहौल एक सांस्कृतिक उत्सव में तब्दील हो गया।
गंगईकोंडा चोलपुरम, जो चोल साम्राज्य की राजधानी रहा है, प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के बाद एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया है। उनके इस कार्यक्रम को तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत को पहचान दिलाने की एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन जनता को इस गौरवशाली विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने के संदेश के साथ किया। जनता के बीच उनका यह भावनात्मक और इतिहास से जुड़ा भाषण खासा प्रभाव छोड़ गया और कार्यक्रम ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण और भारतीय मूल्यों के पुनरुत्थान की एक प्रेरक मिसाल बन गया।