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Noida Fraud: नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारी से सवा करोड़ की साइबर ठगी, युवती ने निवेश का झांसा देकर रचा बड़ा खेल

Noida Fraud: नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारी से सवा करोड़ की साइबर ठगी, युवती ने निवेश का झांसा देकर रचा बड़ा खेल

नोएडा में साइबर अपराध का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें एक युवती ने खुद को व्यवसायी बताकर नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारी को निवेश के नाम पर सवा करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का शिकार बना दिया। निवेश पर हर महीने भारी मुनाफा दिलाने का लालच देकर पीड़ित को लगभग दस महीनों तक लगातार रकम ट्रांसफर करने के लिए उकसाया गया। ठगी का खुलासा तब हुआ, जब पीड़ित पर और धन जमा करने का दबाव डाला जाने लगा और पैसे वापस मांगने पर आरोपी युवती ने संपर्क तोड़ लिया। मामला साइबर क्राइम थाने में दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

ग्रेटर नोएडा निवासी ब्रजपाल सिंह, जो नोएडा प्राधिकरण में कर्मचारी हैं, ने पुलिस को बताया कि करीब एक वर्ष पहले उनके व्हाट्सऐप नंबर पर दिव्या शर्मा नाम की एक युवती का संदेश आया। प्रारंभिक सामान्य बातचीत के दौरान युवती ने खुद को एक प्रतिष्ठित कारोबारी और मुंबई के दादर में स्थित एक नामी कंपनी की मालिक बताया। लगातार बातचीत के बाद उसने ‘गोल्डन ब्रिज इन्वेस्टमेंट कंपनी’ में निवेश करने पर आकर्षक मुनाफा मिलने का दावा किया।

दिव्या ने निवेश करने का दबाव डालते हुए जनवरी 2025 में पहली बार 40,000 रुपये निवेश कराने में सफल रही। कुछ दिनों बाद ब्रजपाल के खाते में 8,000 रुपये मुनाफे सहित वापस आ गए। इससे पीड़ित को कारोबार पर भरोसा हो गया और उन्हें लगा कि उनकी राशि सुरक्षित है और सही जगह निवेश हो रही है। इसके बाद लालच में आकर उन्होंने एक फरवरी से 11 नवंबर 2025 के बीच 1 करोड़ 24 लाख 44 हजार रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए।

युवती ने ब्रजपाल के मोबाइल में एक विशेष ऐप भी डाउनलोड कराया, जिसमें मुनाफे की राशि लगातार बढ़ती हुई दिखाई जाती थी। ऐप के माध्यम से ब्रजपाल को यह विश्वास दिलाया गया कि उनका निवेश तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन जब उन्होंने अपनी पूरी राशि वापस लेने की मांग की तो ठगों ने कुल रकम का 30 प्रतिशत ‘इनकम टैक्स’ और अन्य प्रोसेसिंग शुल्क जमा करने का दबाव बनाया। ब्रजपाल के मना करते ही दिव्या ने फोन और व्हाट्सऐप पर संपर्क बंद कर दिया।

पीड़ित ने बताया कि उन्हें एक व्हाट्सऐप ग्रुप में भी जोड़ा गया था, जहां कई लोग पहले से मौजूद थे और दैनिक निवेश प्रशिक्षण देने वाला एक ‘टीचर’ भी था। अन्य सदस्य बड़ी कंपनियों और आईपीओ में निवेश कर मुनाफा कमाने के कथित स्क्रीनशॉट भेजते थे। बाद में पता चला कि पूरा ग्रुप फर्जी था और सभी सदस्य उसी गिरोह का हिस्सा थे, जिसका उद्देश्य भरोसा बनाकर अधिक धन निवेश कराने का था।

ब्रजपाल लगभग एक वर्ष तक अपनी राशि वापस पाने की उम्मीद में बैंक अधिकारियों सहित कई जगह संपर्क करते रहे, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। तब जाकर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। एडिशनल डीसीपी साइबर शैल्या गोयल ने बताया कि जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई है उनकी जांच जारी है, संबंधित बैंकों को खाते फ्रीज और होल्ड करने का निर्देश दिया गया है। पुलिस अब साइबर ठग गिरोह के नेटवर्क की पहचान कर रही है।

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