Farmers Protest: नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर किसानों का हल्ला बोल, हजारों की संख्या में जुटे ग्रामीण, भारतीय किसान यूनियन मंच के नेतृत्व में विशाल प्रदर्शन

Farmers Protest: नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर किसानों का हल्ला बोल, हजारों की संख्या में जुटे ग्रामीण, भारतीय किसान यूनियन मंच के नेतृत्व में विशाल प्रदर्शन
रिपोर्ट: अजीत कुमार
नोएडा के सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर उस समय भारी हंगामे का माहौल बन गया जब भारतीय किसान यूनियन (मंच) के नेतृत्व में हजारों की संख्या में किसान धरना प्रदर्शन के लिए पहुंच गए। हरौला बारात घर से एकजुट होकर निकलते हुए किसानों ने प्राधिकरण परिसर तक मार्च किया और वहां डेरा डालकर अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन में ना सिर्फ पुरुष किसान, बल्कि बड़ी संख्या में बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल रहीं। प्रदर्शन स्थल पर किसानों ने सरकार और नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि उनकी मांगें पूरी तरह से जायज हैं और यदि उन्हें नजरअंदाज किया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। प्रदर्शनकारी किसानों की प्रमुख मांगें आबादी निस्तारण, अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजे और पुनर्वास से जुड़ी हुई थीं।
धरने का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर चौहान ने प्राधिकरण अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि किसान अब शोषण और वादाखिलाफी बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने साफ कहा कि यदि जल्द से जल्द किसानों की मांगे नहीं मानी गईं, तो बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा और पूरे गौतम बुद्ध नगर जिले में विकास कार्यों को रोकने की चेतावनी दी गई।
प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क नजर आया। मौके पर नोएडा पुलिस के उच्च अधिकारी सहित भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी और महिला पुलिस बल को तैनात किया गया था। पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए बैरिकेडिंग की और ट्रैफिक डायवर्जन के जरिए व्यवस्था को संभालने की कोशिश की। धरने में किसानों ने कहा कि पिछले कई वर्षों से उनकी आबादी भूमि का निस्तारण लंबित है और उन्हें मुआवजे की पूरी राशि नहीं मिली है। प्राधिकरण ने बार-बार आश्वासन दिया, लेकिन अब तक जमीन के बदले वाजिब हक नहीं मिला। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अब समय आ गया है कि प्राधिकरण को उनकी आवाज मजबूती से सुननी होगी। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन किसानों की चेतावनी स्पष्ट थी कि अगर उनकी मांगें अनसुनी की गईं, तो यह सिर्फ शुरुआत होगी। भारतीय किसान यूनियन मंच ने यह भी ऐलान किया कि आने वाले दिनों में पूरे एनसीआर में जन आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
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