नई दिल्ली, 31 अक्तूबर : ऑपरेशन सिंदूर में अभ्यास के बाद भारत की नौसेना, वायु सेना और थल सेना दुनिया की अन्य समुद्री ताकतों के साथ विशाखापट्नम के तट पर संयुक्त अभ्यास करेंगी।
इस आशय की जानकारी भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने शुक्रवार को कोटा हाउस दिल्ली में दी। उन्होंने बताया कि भारत 2026 में इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू, अभ्यास मिलन -2026 और इंडियन ओशन नेवल सिंपोजियम (आईओएनएस) चीफ्स कॉन्क्लेव के साथ 15 से 25 फरवरी तक समुद्री संगम की ऐतिहासिक मेजबानी करेगा। इस अभ्यास के लिए रूस और चीन को भी आमंत्रित किया गया है। वहीं, 35 से अधिक देशों ने अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है। इस आयोजन का मुख्य एजेंडा मैरीटाइम कोऑपरेशन है और इस क्षेत्र में हम एक विश्वसनीय एवं पसंदीदा सुरक्षा भागीदार हैं।
वात्स्यायन ने कहा, अभ्यास में भारतीय युद्धपोतों और एयरक्राफ्ट के साथ कलवरी क्लास की डीजल इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी भी भाग लेगी जो बेहतर स्टील्थ और शांत तरीके से सतह के साथ साथ पानी के नीचे भी जहाजों को निशाना बना सकती है। उन्होंने कहा, यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महासागर विजन (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए आपसी और समग्र उन्नति) को साकार करता है, जिसकी घोषणा 2025 में की गई थी। जो भारत की स्वदेशी नौसैनिक क्षमताओं को भी उजागर करेगा। संजय वात्स्यायन ने कहा, मौजूदा दौर में थल सेना जमीन एवं हवा में और वायुसेना हवा एवं जमीन पर रणनीतिक अभ्यास करती है लेकिन नौसेना जमीन, पानी, हवा, अंतरिक्ष और साइबर सहित पांच क्षेत्रों में अभ्यास करेगी।
नौसेना संचालन महानिदेशक (डीजीएनओ) और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना के युद्धाभ्यास के पीछे के मास्टरमाइंड वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा, सी-फेज में ऐसे अभ्यास देखने को मिलेंगे जो अब तक देश विदेश के किसी भी सैन्य अभ्यास में देखने को नहीं मिले हैं। कमोडोर रघु आर. नायर ने बताया, अभ्यास मिलन के समुद्री और बंदरगाह चरण इंटरऑपरेबिलिटी, समुद्री क्षेत्र जागरूकता, पनडुब्बी रोधी युद्ध, वायु रक्षा, और खोज और बचाव कार्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय सिटी परेड में भाग लेने वाली नौसेनाओं, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के दल विशाखापत्तनम के प्रतिष्ठित समुद्र तट, आरके बीच पर मार्च करेंगे, जो सीधे नागरिकों को समुद्री कूटनीति दिखाएगा।
आईएफआर का निरीक्षण करेंगी राष्ट्रपति
वात्स्यायन ने कहा, आईएफआर में सेना की सर्वोच्च कमांडर और राष्ट्रपति द्वारा समुद्र में एक प्रेसिडेंशियल फ्लीट रिव्यू होगा, जिसमें आईएनएस विक्रांत (भारत का पहला स्वदेशी रूप से निर्मित विमानवाहक पोत), विशाखापत्तनम-श्रेणी के विध्वंसक, नीलगिरी-श्रेणी के स्टील्थ फ्रिगेट, और अर्नाला-श्रेणी के पनडुब्बी रोधी युद्धक कॉर्वेट सहित स्वदेशी प्लेटफार्मों का प्रदर्शन किया जाएगा- जो भारत के ‘बिल्डर्स नेवी’ में परिवर्तन को दर्शाता है। भारतीय नौसेना के जहाजों के साथ मित्र देशों, भारतीय तटरक्षक बल और मर्चेंट मरीन के जहाजों का एक विविध समूह भी शामिल होगा।
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