
नई दिल्ली, 4 फरवरी: मोटापा आज देश की सबसे बड़ी समस्या के तौर पर उभर रहा है जिसके चलते करीब 54% लोग बीपी, शुगर, ह्रदय, लिवर, किडनी और न्यूरोलॉजिकल रोगों का शिकार बन रहे हैं।
मोटापे की समस्या शहरी लोगों में 40% और ग्रामीण लोगों में 20% फैल चुकी है। यानि देश में 60% लोग मोटापे की समस्या से ग्रस्त हैं और देश का हर छठा व्यक्ति मोटापे से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहा है। जिसमें बच्चे, किशोर और युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। यदि मोटापे को नियंत्रित कर लिया जाए तो दुनिया के सबसे युवा देश की उत्पादक शक्ति में वृद्धि के साथ विभिन्न गैर संचारी रोगों के इलाज पर होने वाले खर्च में कमी लाई जा सकती है।
यह जानकारी मंगलवार को एम्स दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान सामने आई। इस अवसर पर एम्स निदेशक डॉ एम श्रीनिवास के साथ कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ राजीव नारंग व डॉ नितीश नायक, मेडिसिन विभाग के डॉ नवल विक्रम, मनोचिकित्सा विभाग के डॉ नंद कुमार, चीफ डाइटीशियन डॉ परमीत कौर, गैस्ट्रो विभाग की डॉ मोनिता गहलोत, सर्जरी विभाग के डॉ आसुरी कृष्णा मौजूद और एनाटोमी विभाग की डॉ रीमा दादा मौजूद रहे।
देश के प्रतिष्ठित डॉक्टरों के समूह ने कहा कि मोटापा एक जीवनशैली रोग है जिसे उचित खान- पान और शरीर के आकार को आनुपातिक रूप से संतुलित करके दूर किया जा सकता है। इसके लिए आपको सबसे पहले अपने बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और शरीर की ऊंचाई के साथ कमर की परिधि को माप कर अपनी दैहिक स्थिति का आकलन करना होगा। इसके लिए गूगल पर मौजूद किसी भी ऐप की मदद ली जा सकती है।
उन्होंने बताया कि मोटापे का आकलन करने के बाद अगर पुरुष की कमर का साइज 40 इंच है और महिला की कमर का साइज 35 इंच है तो यह आदर्श स्थिति है। आप मोटे नहीं हैं। अगर आपका साइज आदर्श साइज से ज्यादा है तो आपको आज से ही शारीरिक गतिविधियां बढ़ा देनी चाहिए। मोटापे को नियंत्रित करने के लिए जिम, व्यायाम, योग करने के साथ मोटा अनाज, दाल, सब्जी, फल और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन बेहद जरुरी है।
निरोगी जनता से होगा स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण
डॉ श्रीनिवास ने कहा, स्वस्थ जीवन के लिए उचित पोषण और संतुलित आहार बेहद जरुरी है। विशेषकर बच्चों को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन संबंधी आदतों का पालन करना चाहिए। हालांकि, घर के बड़े सदस्यों की अपेक्षा स्कूली बच्चे स्वस्थ भोजन के प्रति ज्यादा जागरूक हैं। अक्सर आम घरों में बच्चों को घर के खाने में कम तेल का प्रयोग करने की वकालत करते देखा जा सकता है। भोजन में चीनी, नमक और तेल की अधिक मात्रा लोगों को बीमार कर रही है। अगर हम जंक फूड और प्रसंस्कृत फूड से दूरी बना लें तो हम और हमारा समाज स्वस्थ बन सकता है। जिससे स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करने में मदद मिलेगी। साथ ही दीर्घ और स्वस्थ जीवन व्यतीत करने में आसानी होगी।
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