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नई दिल्ली: देश में आयुष का उपयोग करने वालों की संख्या में इजाफा

नई दिल्ली: - देशभर में करीब 2.5 करोड़ लोग करते हैं नियमित योग

नई दिल्ली, 5 मई : देश में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की लोकप्रियता के साथ उपयोगिता में भी इजाफा हो रहा है। जिसके चलते शहरी क्षेत्र में 96% और ग्रामीण क्षेत्रों में 94.8% तक लोग आयुष प्रणाली के दायरे में आ चुके हैं।

यह दावा आयुष मंत्रालय के सचिव पद्मश्री मनोज कोटेचा ने सोमवार को किया। उन्होंने बताया कि विगत वर्षों में राष्ट्रीय आयुष मिशन, राष्ट्रीय अनुसंधान परिषदों और देशभर में कार्यरत राष्ट्रीय संस्थानों के माध्यम से आयुष पद्धतियों के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है। जिसके फलस्वरूप आयुष का लाभ उठाने वाले लोगों की संख्या में भी लगातार इजाफा हुआ है। जैसे राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत इलाज कराने वाले लाभार्थियों की संख्या महज 3 वर्ष में 1.5 करोड़ (2021 में) से बढ़कर लगभग 10 करोड़ (2024 में ) तक पहुंच गई है।

10 में से 7 परिवारों ने माना आयुष दवाएं प्रभावी
कोटेचा ने बताया कि ‘आयुष’ के देशव्यापी विशेष सर्वेक्षण के मुताबिक आयुष चिकित्सा का उपयोग शहरी क्षेत्रों में 52.9% और ग्रामीण क्षेत्रों में 46.3% तक किया जा रहा था। वहीं आयुष प्रणाली का उपयोग करने के मामले में हिमाचल प्रदेश के लोग देश के अन्य राज्यों के बनिस्बत अव्वल पाए गए। सर्वे के दौरान हर 10 में से 7 परिवारों ने माना कि आयुष औषधियां या दवाएं प्रभावी हैं। सर्वेक्षण में कुल 1,81,298 परिवारों को शामिल किया गया जिनमें 1,04,195 ग्रामीण क्षेत्रों से और 77,103 शहरी क्षेत्रों से थे।

45% शहरी व 40% ग्रामीण को आयुर्वेद पर भरोसा
कोटेचा ने बताया, सर्वे में आयुष की सभी चिकित्सा पद्धतियों में से आयुर्वेद को सबसे अधिक लोकप्रिय चिकित्सा पद्धति पाया गया, जिसका उपयोग शहरी और ग्रामीण भारत दोनों में इलाज के लिए किया जाता है। पिछले 365 दिनों में बीमारियों की रोकथाम या इलाज के लिए आयुष का उपयोग करने वाले लोगों में से 45.5% शहरियों और 40.5% ग्रामीणों ने आयुर्वेद को प्राथमिकता देने की बात कही। वहीं, पश्चिम बंगाल में अधिकतर लोग बीमारियों के इलाज के लिए होम्योपैथी का उपयोग करते पाए गए।

2.5 करोड़ लोग करते हैं नियमित योग
योग एक ऐसी पद्धति है जो मन, शरीर और आत्मा की एकता की ओर ले जाती है। सर्वेक्षण के अनुसार देशभर में लगभग 1.4 करोड़ शहरी परिवारों और 1.1 करोड़ ग्रामीण परिवारों में कम से कम एक सदस्य नियमित रूप से योग करता है।

क्या है आयुष ?
आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के पहले एक शब्द के प्रयोग से आयुष (AYUSH) को गढ़ा गया है। ये सभी चिकित्सा पद्धतियां देश में ना सिर्फ प्राचीन समय से प्रचलन में हैं। बल्कि सेवा प्रदाता भी कोने कोने में मौजूद हैं और इनके साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं। केंद्र सरकार ने आयुष को बढ़ावा देने के लिए वृहद् योजना बनाई है जिसका प्रभाव ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में दिखाई पड़ रहा है।

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