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नई दिल्ली: अब खून की दो बूंद से होगा ब्लड टेस्ट

नई दिल्ली: एम्स के लैब मेडिसिन विभाग ने विकसित की नई स्वदेशी तकनीक

नई दिल्ली, 30 जनवरी : एम्स दिल्ली ने एक ऐसी स्वदेशी तकनीक विकसित की है जो ना सिर्फ खून की दो बूंदों से ही लैब जांच के सटीक परिणाम देने में सक्षम है। बल्कि 12 से 24 घंटे में मिलने वाली लैब जांच रिपोर्ट को महज 10 मिनट में ही तैयार कर देती है।

एम्स के लैब मेडिसिन विभाग के सहायक प्रोफेसर तुषार सहगल ने बताया कि हमने प्रधानमंत्री मोदी के एनीमिया मुक्त भारत पहल के तहत एक ऐसा तकनीकी उपकरण तैयार किया है जिसके माध्यम से मरीज का ब्लड टेस्ट सिर्फ दो बूंद रक्त से किया जा सकेगा। इस प्रक्रिया से मरीज के ब्लड काउंट, हीमोग्लोबिन, प्लेटलेट्स, वाइट ब्लड सेल्स, मलेरिया और एनीमिया (रक्ताल्पता) की जानकारी महज 10 मिनट में सुलभ हो सकेगी। साथ ही डिटेक्शन रेट में तेजी आएगी। इस उपकरण को एम्स के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल बायोडिजाइन (एसआईबी) और दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की मदद से विकसित किया गया है। जो अगले छह महीने में बाजार में उपलब्ध होगा।

डॉ सहगल ने बताया कि इस नई तकनीक से उन लोगों को भी फायदा होगा जो अक्सर लैब जांच के लिए ब्लड सैंपल के तौर पर करीब दो मिलीलीटर खून देने में आनाकानी करते थे या ब्लड सैंपल की नन्ही शीशी में खून भरता देखकर, अपने शरीर में खून की मात्रा कम होने का अंदेशा जताते थे। अब ऐसे मरीजों को डरने की जरुरत नहीं है। डॉ सहगल ने बताया कि रक्त जांच की स्वदेशी तकनीक बेहद सरल और सटीक है जिसे ग्रामीण इलाकों में आशा कार्यकर्ताओं के जरिये भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तकनीक से तैयार रिपोर्ट में रक्त जांच परिणाम की फोटो भी शामिल होती है, जैसे अल्ट्रासाउंड के साथ मिलती है। यह करीब 16 किलोग्राम वजनी उपकरण है जो करीब 10 लाख रुपये की कीमत में उपलब्ध होगा।

छोटी किट की मदद से ब्लड टेस्ट
इस उपकरण या मशीन के साथ एक छोटी किट आती है जिसमें छोटी सी सुईं (लैंसेट), रीएजेन्ट (केमिकल), ड्रॉपर और एक कार्ट्रिज होती है। इसमें ग्लूकोमीटर की सुईं की तरह मरीज की उंगली में चुभाकर खून की दो बूंद ली जाती है। फिर उसे केमिकल में मिक्स करके ड्रॉपर से कार्ट्रिज में डाला जाता है। कुछ ही पलों में परिणाम मिल जाता है। इसे फोटो सहित एक कागज पर प्रिंट कर लिया जाता है और 10 मिनट में रिपोर्ट तैयार हो जाती है।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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